Hair Fall and Baldness Control: शैंपू और हेयर ऑइल बदल-बदलकर थक गए हैं लेकिन बाल हैं कि झड़ना बंद ही नहीं होते... दरअसल, इस मामले में समस्या दो तरफा है. इसलिए सिर्फ शैंपू या तेल बदलने से काम नहीं बनेगा. बल्कि आपको उन फैक्टर्स पर भी काम करना पड़ेगा, जिनके कारण बाल झड़ रहे हैं. इसके बाद आपकी समस्या दूर करेगी साइंस. क्योंकि वैज्ञानिको ने नई रिसर्च में बालों की जड़ों और कोशिकाओं में होने वाले उस बदलाव का रहस्य पता लगा लिया है, जिसके कारण कोई व्यक्ति गंजा हो जाता है...
क्यों बढ़ रहा है गंजापन?
बाल झड़ने के दौरान स्किन और बालों की रूट्स में क्या बदलाव होते हैं, क्यों बालों का झड़ना हेरिडिटी बन जाता है, इन कारणों पर रिसर्च करने के दौरान सबसे पहले इन कारणों की जांच की गई है कि आखिर बाल तेजी से क्यों झड़ते हैं? खासतौर पर युवाओं में गंजेपन की क्या वजह है? इस जांच में जो कारण सामने आए वे इस प्रकार हैं...
- पॉल्यूशन
- सही डायट ना लेना
- खान-पान में पोषण की कमी
- पूरी नींद ना लेना
- फिजिकली ऐक्टिव ना रहना
- एक्सर्साइज ना करना
ये सभी कारण जो ऊपर बताए गए हैं, ये शरीर के अंदर तेजी से हॉर्मोनल चेंजेज करते हैं. इन बदलावों से हॉर्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं और हेयर फॉल तेज हो जाता है. बाल झड़ने के ये कारण इतने प्रभावी हैं कि ये इसे हेरिडिटी का हिस्सा भी बना सकते हैं. यानी एक पीढ़ी के बाद दूसरी पीढ़ी में भी गंजापन ट्रांसफर कर सकते हैं.
क्या है बालों से जुड़ी रिसर्च?
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के साइंटिस्ट्स ने अपनी रिसर्च में एक ऐसे प्रोटीन का पता लगाया है, जो इम्युन सिस्टम को सपॉर्ट करने और हेयर फॉलिकल्स की ग्रोथ साइकल को नियंत्रित करने में मदद करता है. वैज्ञानिकों ने इस प्रोटीन को ट्रांसफॉर्मिंग ग्रोथ फैक्टर-बीटा नाम दिया है. ये एक ऐसा प्रोटीन है, जो शरीर की कोशिकाओं द्वारा ही तैयार किया जाता है और कोशिकाओं द्वारा बनाए जाने वाले कई तरह के प्रोटीन्स की श्रेणी में ही आता है. बॉडी सेल्स जिन प्रोटीन्स का निर्माण करती हैं, उन्हें साइटोकिन्स कहा जाता है.
हेयर फॉलिकल्स की ग्रोथ साइकल ही ये निर्धारित करती है कि बालों को कसकर जकड़े रहने वाली और शरीर से इन्हें पोषण देने वाली कोशिकाएं कब बढ़ेंगी और कब मर जाएंगी. रिसर्च में कहा गया है कि इन कोशिकाओं को जीवित रखने वाले साइकल को रेग्युलेट करने के लिए जरूरी है कि ट्रांसफॉर्मिंग ग्रोथ फैक्टर-बीटा नाम के प्रोटीन की मात्रा को कंट्रोल किया जाए. यानी इसे बढ़ने से रोका जाए. क्योंकि ये प्रोटीन जब बहुत अधिक मात्रा में बढ़ जाता है तो बालों के झड़ने की वजह बनता है. जबकि सीमित मात्रा में इस प्रोटीन का बनना बालों की ग्रोथ को प्रमोट करता है. यानी ये प्रोटीन बालों के लिए जरूरी तो है लेकिन सीमित मात्रा में.
शोध से जुड़े वैज्ञानिक शिशुआन (Qixuan) का कहना है कि हेयर फॉलिकल्स बिना किसी चोट के भी मरते और पुनर्जीवित होते रहते हैं. खास बात ये है कि हेयर फॉलिकल्स कभी भी अपने स्टेम सेल रिजर्वायर (जलाशय) को सूखने नहीं देते हैं. जीवित स्टेम सेल्स को जैसे ही डिजनरेट होने का सिग्नल मिलता है, ये विभाजित होकर एक नई स्टेम सेल बनाती हैं और खुद एक हेयर फॉलिकल के रूप में विकसित हो जाती हैं. इस जानकारी के बाद आने वाले समय में गंजापन पूरी तरह कंट्रोल होने की पूरी संभावना है. क्योंकि भविष्य में वैज्ञानिकों को कुछ ऐसा खोजना होगा, जो ट्रांसफॉर्मिंग ग्रोथ फैक्टर-बीटा प्रोटीन को रेग्युलेट कर सके.
झड़ते बाल और गंजेपन के कारण पूरी दुनिया की एक बड़ी आबादी परेशान है. इस रिसर्च के बाद आखिर ये तो साफ हुआ कि गंजापन आता क्यों है और स्किन में आखिर ऐसा क्या घटता है कि बड़ी संख्या में लोगों के बाल पूरी तरह गायब हो जाते हैं और फिर कभी नहीं उगते. रिसर्च उम्मीद जगाती है कि निकट भविष्य में वैज्ञानिक जरूर इस समस्या का समाधान खोज लेंगे.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.