कम उम्र की लड़कियों में तेजी से बढ़ रही है सिस्ट की समस्या...ये आयुर्वेदिक नुस्खा करेगा आपका बचाव
Ayurvedic Treatment For Fibroids: यूट्रस में सिस्ट होना अब सामान्य है. प्रजेंट टाइम में 70 से 80 प्रतिशत महिलाओं को कभी ना कभी ये समस्या होती है. लेकिन यंग ऐज में होने पर प्रेग्नेंसी में समस्या आती है
Cysts in Uterus: यंग गर्ल्स में यूट्रस और इससे जुड़े अन्य हिस्सों जैसे, ओवरी, फेलोपियन ट्यूब इत्यादि में सिस्ट होना अब एक आम समस्या बन गई है. मात्र 22 से 28 साल की उम्र में लड़कियां इस समस्या का शिकार हो रही हैं. इसका असर इनकी हेल्थ को तो बुरी तरह प्रभावित करता ही है साथ ये फैमिली लाइफ को भी प्रभावित करने लगा है. यदि कम उम्र में इन सिस्ट का पता चल जाए और इलाज शुरू हो जाए तो स्थिति संभालना आसान होता है. जितनी देरी से इस समस्या पर ध्यान दिया जाता है, महिलाओं की लाइफ में समस्याएं उतनी ही बढ़ती जाती हैं. क्योंकि ये सिस्ट प्रेग्नेंसी में बहुत बड़ी समस्या बन जाती हैं. यहां आपको एक ऐसी आयुर्वेदिक हर्ब के बारे में बताया जा रहा है, जो फीमेल बॉडी ऑर्गन में किसी भी तरह की हानिकारक गाठें बनने से रोकती है. इस हर्ब का नाम है कांचनार.
क्या है कांचनार और कैसे होता है यूज?
कांचनार एक बहुत ही सुंदर फूलों का पेड़ होता है. फूल तो सभी खूबसूरत होते हैं लेकिन काचनार के पत्ते बहुत आकर्षक होते हैं और नजर बांध लेते हैं. इसके पत्ते देखने में सेब के आकार के होते हैं और इस पर बड़े-बड़े बहुत आकर्षक रंगों के फूल आते हैं. कांचनार के फूल कई रंगों के होते हैं. आप कांचनार के फूलों की चाय बनाकर सुबह खाली पेट इसका सेवन कर सकते हैं. इससे शरीर में ताजगी रहती है और मेटाबॉलिज़म सही से काम करता है.
इसके फूल और छाल को एक साथ मिलाकर इनका काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है. काचनार गुग्गुल के नाम से इसकी टैबलेट्स भी आती हैं, जो आयुर्वेदिक मेडिसिन होती हैं. लेकिन किसी भी रूप में इसका उपयोग मेडिकल पर्पज से करना चाहते हैं तो इसके लिए पहले डॉक्टर से जरूर बात करें. क्योंकि आपके शरीर की सही रिक्वायरमेंट के हिसाब से वे आपको इसे यूज करने का तरीका बताएंगे.
कांचनार के फायदे
कांचनार ओवरऑल हेल्थ के लिए बहुत अधिक लाभकारी होता है. महिलाओं को सिस्ट के कारण प्रेग्नेंसी में होने वाली समस्याएं दूर करने की ये एक प्रभावी आयुर्वेदिक औषधि है. इसके अलावा और किन बीमारियों में इसका यूज कर सकते हैं, यहां जानें...
- कोल्ड और कफ से बचाव में
- चोट के घावों को जल्दी भरने के लिए
- पेट के कीड़ों को खत्म करती है
- यदि कोई विषैला कीड़ा काट ले तो उसके जहर का असर कम करती है
- बॉडी को हेल्दी और लाइव रखने में हेल्पफुल
- अस्थमा दूर करने में मददगार
- शरीर की अंदरूनी सूजन से बचाती है
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें: सर्दी में बार-बार यूरिन आने से परेशान हैं...जानें क्यों हो रहा है आपके साथ ऐसा और कैसे मिलेगा तुरंत आराम
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )