Home Remedies For Knee Pain: कुछ हेल्थ प्रॉब्लम्स पहले एक उम्र के बाद ही हुआ करती थीं और इन्हें बुढ़ापे की निशानी माना जाता था. लेकिन पिछले दो दशक में ही चीजें बहुत तेजी से बदलीं और 65-70 की उम्र में होने वाली परेशानियां अब 35 से 40 साल की उम्र के लोगों को हो रही हैं. ऐसी ही एक समस्या है, जोड़ों का दर्द. खासतौर पर घुटनों में होने वाला दर्द. सिटिंग जॉब के कारण ये दर्द कम उम्र के लोगों को ही परेशान कर रहा है. यदि आप भी इसका शिकार हो रहे हैं तो नैचुरोपैथी का ये इलाज आपके बहुत काम आएगा...


नैचुरोपैथी क्या है?



  • जिस तरह आयुर्वेद, होम्योपैथ और यूनानी दवाएं होती हैं. इसी तरह प्राकृतिक चिकित्सा विज्ञान यानी नैचुरोपैथी भी होता है, जिसमें दवाओं के जरिए इलाज नहीं होता. बल्कि प्राकृतिक तरीकों से ही रोग का उपचार किया जाता है और इसे जड़ से खत्म किया जाता है. 

  • जल चिकित्सा, एक्यूप्रेशर, एक्यूपंक्चर, योग चिक्तसा ऐसी ही विधाएं हैं, जो प्राकृतिक चिकित्सा विज्ञान के तहत आती हैं.


घुटनों के दर्द का इलाज कैसे करें?


आप कम उम्र में घुटनों के दर्द का शिकार होने लगे हैं या आपके घुटनों में जाम होने की समस्या होने लगी है तो आप इस विधि से जल चिकित्सा करके घर में ही बिना किसी दवाओं के अपने दर्द को बढ़ने से रोक सकते हैं. लंबे समय तक यह उपयोग करने से दर्द पूरी तरह ठीक हो जाएगा...



  • सबसे पहले आप ऐसे कपड़े पहनें जिनमें घुटनों को एक्सपोज किया जा सके.

  • अब बाल्टी में पानी भर लें या फिर नल चला लें और बहते हुए पानी में दो मिनट तक अपने एक घुटने को रखें.

  • अब यही प्रक्रिया दूसरे घुटने के साथ भी अपनाएं. त्वचा को तौलिया से पोंछकर सुखा लें और अब स्पॉर्ट्स शूज पहनें और 30 मिनट की वॉक पर निकल जाएं.

  • आप चाहें तो रनिंग भी कर सकते हैं. लेकिन ये काम आपको हर दिन करना है और कम से कम 3 महीने तक लगातार करना है. आप पाएंगे कि आपके घुटनों का दर्द काफी कम हो गया है और इस थेरेपी को रेग्युलर करने से दर्द पूरी तरह ठीक भी हो जाएगा.


कैसे काम करता है ये उपाय?



  • आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर यह उपाय काम कैसे करता है... तो आपको बता दें कि ये जल चिकित्सा का ही भाग है.

  • जब आप अपने घुटनों पर लगातार पानी डालते हैं तो ठंडक के कारण आपकी वेन्स और आर्टरीज सिकुड़ जाती हैं, फिर जब आप वॉक या रनिंग करते हैं तो इनमें गर्माहट आती है और ब्लड का फ्लो तेज हो जाता है.

  • यानी पहले ठंडक देकर धीमे ब्लड फ्लो को स्थिर किया जाता है और फिर गर्माहट देकर इसे बढ़ाया जाता है. यह तरीका घुटने की कोशिकाओं, टिश्यूज के लिए टॉनिक की तरह काम करता है.



Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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