How To Control Low Moods In Winter: जितनी खतरनाक है, उतनी ही सामान्य बीमारी है डिप्रेशन. ये और बात है कि हमारी सोसायटी में ज्यादातर लोगों को इसकी समझ नहीं है. कोरोना ने हमसे बहुत कुछ छीना है लेकिन इस मामले में हमें इसका शुक्रगुजार होना होगा कि मेंटल हेल्थ को लेकर इसके बाद से जागरूकता बढ़ गई है. आज के समय में इस बात को ज्यादातर लोग जानते हैं कि मानसिक और भावनात्मक बीमारियां भी कुछ होती हैं. हालांकि इनके बारे में जानना ही काफी नहीं है बल्कि इन्हें समझना और इनसे बचना कहीं अधिक जरूरी है.


कोविड के बाद जिस तरह से मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हमारी सोसायटी में बढ़ने लगी, उसके चलते अब लोग इनके बारे में बात भी करने लगे हैं और मनोचिकित्सकों के पास इलाज के लिए भी पहुंचने लगे हैं. सरकार की तरफ से भी इसके लिए 'टेली-मानस' नामक सेवा जारी की गई है.  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए 14416 और 1-800-91-4416 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. जिस पर आप 24 घंटे में कभी भी फोन करके अपनी भाषा में सहायता पा सकते हैं. यदि आप किसी मानसिक रोग से जूझ रहे हैं तो आपको इस नंबर पर फोन करके काउंसलिंग जरूर लेनी चाहिए. साथ ही अपनी डायट में यहां बताया जा रहा सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला ड्राई फ्रूट भी शामिल करना चाहिए.


डिप्रेशन से बचाने वाला ड्राई फ्रूट



  • डिप्रेशन जैसी समस्या की कई स्टेज होती हैं. यानी इसके अलग-अलग चरण में इसे अलग तरह से डील किया जाता है. अगर शुरुआती स्तर पर ही आप सही डायट, सही लाइफस्टाइल, दवाओं और काउंसलर की मदद ले लें तो बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकता है.

  • यदि आप किसी भी मेंटल-इमोशनल क्राइसिस से गुजर रहे हैं और अपनी डेली डायट में काजू को शामिल करते हैं तो आपको जल्दी रिकवर करने में मदद मिलेगी.

  • आप काजू को नाश्ते में भी खा सकते हैं और स्नैक्स टाइम में यानी साढ़े तीन से 5 बजे के बीच भी. काजू प्लेन भी खाए जा सकते हैं लेकिन इन्हें हमेशा किशमिश के साथ खाना चाहिए. क्योंकि इससे वात-पित्त-कफ को संतुलित रखने में मदद मिलती है.

  • नाश्ते में आप काजू को शहद में मिलाकर भी खा सकते हैं. वहीं, स्नैक्स टाइम में आप काजू, किशमिश और अन्य ड्राई फ्रूट्स को दही में मिलाकर इनका सेवन कर सकते हैं या फिर प्लेन भी खा सकते हैं. 


काजू खाने से क्या फायदा होता है?



  • काजू में प्रोटीन, मैग्निशियम, कॉपर जैसे न्यूट्रिऐंट्स होते हैं, जो ब्रेन में सेरेटॉनिन हॉर्मोन के सीक्रेशन को बढ़ाते हैं. इसका स्वाद इस काम में महत्वपूर्ण रोल निभाता है. सेरेटॉनिन एक हैपी हॉर्मोन है, जो मूड को लाइट रखने में मदद करता है.

  • इसके साथ ही काजू में पोटैशियम और जिंक भी होते हैं, जो शरीर में जाकर ब्लड में ऑक्सिजन का स्तर बढ़ाने का काम करते हैं. जब ऑक्सिजन लेवल हाई होता है तो एनर्जी लेवल भी हाई रहता है और इससे लो मूड शरीर पर हावी नहीं हो पाता और ब्रेन हेल्थ इंप्रूव होती है.

  • ये दो मेन तरीके हैं, जिनके जरिए काजू मेंटल हेल्थ को सही रखने में मदद करता है और डिप्रेशन की प्राइमरी स्टेज पर बहुत अधिक हेल्पफुल होता है. यदि आपकी फैमिली या रिलेशन में कोई भी व्यक्ति एंग्जाइटी, डिप्रेशन, लो मूड जैसी समस्याओं से जूझ रहा है तो उसकी डायट में काजू को जरूर शामिल करें. डेली एक्सर्साइज, सही डायट और पूरी नींद के जरिए आप प्राइमरी स्टेज पर इन समस्याओं को बहुत हद तक कंट्रोल कर सकते हैं.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार पर अमल करने से पहले अपनी त्वचा की के बारे में जरूर जानें और जो इंग्रीडिऐंट आपकी स्किन को सूट ना करता हो उसका उपयोग ना करें. अपनी ब्यूटीशियन की सलाह जरूर लें. 


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