Omicron Coronavirus: 5 साल से कम उम्र के बच्चों में पाए गए ओमिक्रोन के ये लक्षण, जानिए कैसे करें बचाव?
Coronavirus In Kids: ओमिक्रोन कोरोना वायरस से संक्रमित बच्चों की संख्या काफी बढ़ रही है. 2 से 5 साल तक के बच्चों को संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में आपको सावधान रहने की जरूरत है.
Corona Symptoms In children: कोरोना वायरस और उसका नया वैरिएंट बच्चों और बड़ों सभी को प्रभावित कर रहा है. हालांकि पहली लहर में बच्चों में कोरोना के मामूली लक्षण ही नज़र आ रहे थे, लेकिन दूसरी लहर में बच्चों में भी तेजी से संक्रमण फैला था. अब तीसरी लहर में ओमिक्रोन भी बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है. अमेरिका में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बच्चों को संक्रमण से बचाने की अपील की है. अमेरिका में बाल रोग विशेषज्ञों ने हाल ही में बच्चों में संक्रमण के मामले बढ़ने की पुष्टि की है. हालांकि अभी तक बच्चों में संक्रमण के लक्षण बहुत ज्यादा गंभीर नहीं दिख रहे हैं.
आपको बता दें कि ओमिक्रोन डेल्टा वायरस से कई गुना तेजी से फैल रहा है. ऐसे में बच्चों को इसका सबसे ज्यादा खतरा है. भारत और दुनिया भर में अभी तक बच्चों के लिए कोरोना की वैक्सीन नहीं बनी है. यही वजह है कि बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने की बार-बार अपील की जा रही है. भले ही बच्चों की की इम्यूनिटी बड़े लोगों से अधिक मजबूत होती है, लेकिन फिर भी आपको सावधानी बरतने की जरूरत है.
बच्चों में कोरोना के लक्षण (Corona Omicron Symptoms In Kids)
बच्चों में भी कोरोना के वही लक्षण नज़र आ रहे हैं तो युवाओं में दिख रहे हैं. जिन बच्चों में संक्रमण ज्यादा है उनमें नाक बहना, बुखार, खांसी, थकान, स्वाद और गंध चले जाना, कमजोरी जैसे सामान्य लक्षण ही नज़र आ रहे हैं. कुछ बच्चों को मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम नामक स्थिति का भी सामना करना पड़ रहा है. इसमें स्थिति में बच्चों के हार्ट, फेफड़े, ब्लड वेसिल्स, किडनी, पाचन तंत्र, दिमाग, त्वचा और आंखों सहित शरीर के अलग-अलग अंगों में सूजन आ जाती है. ओमिक्रोन के नए लक्षणों में क्रुप (Croup) खांसी भी देखने को मिल रही है. इसमें तेज खांसी की समस्या होने लगती है और सांस लेने में आवाज होती है.
बच्चों के कोरोना संक्रमित होने पर क्या करें (Corona Infection In Kids Treatment)
हालांकि आप डॉक्टर की सलाह से दवाएं लेकर घर ही बच्चे की देखभाल कर सकते हैं. ओमिक्रोन के हल्के लक्षण या खांसी होने पर आप बच्चे को आरामदायक स्थिति में सुलाएं. बच्चे को खाने में गरम और तरल पदार्थ दें. ऐसी चीजें खिलाएं जिससे बलगम ढ़ीला हो सके. बच्चे को भरपूर आराम करने दें. अगर आपको लगे कि स्थिति गंभीर हो रही है तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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