भारत में पूरे साल यह तीन मौसम रहती है सर्दी, गर्मी और बरसात. नवंबर से लेकर जनवरी तक हम सर्दी का सामना करते हैं. दिसंबर और जनवरी में यहां कड़ाके की ठंड पड़ती है. वहीं मई के महीने में हम चिलचिलाती गर्मी का सामना करते हैं. जब भी मौसम बदलता है इसके साथ-साथ वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ता है. भारत में फिलहाल सर्दी पड़ रही है लेकिन कुछ दिनों से सर्दी पहले से कम हुई है.

  कोल्ड वेब के कारण जो स्कूल-कॉलेजेज बंद हो गई थी वापस से खुल रहे हैं. लेकिन माता-पिता अभी भी अपने बच्चे को स्कूल भेजने में डर रहे हैं. क्योंकि बदलते मौसम में वह बीमार न पड़ जाए. 


बदलते मौसम के बीच बच्चों को अक्सर कई सारी बीमारियां घेर लेती है जैसे- पेट खराब, बुखार, खांसी, सर्दी और गले में खराश आमतौर पर लगभग हर बच्चे में देखी जाती है. खासकर स्कूल जाने वाले बच्चे को लेकर माता-पिता को ज्यादा डर बना रहता है. यही कारण है कि सर्दी कम होने के बाद भी बच्चे को स्कूल भेजने में डर रहे हैं. बच्चे की तबियत खराब होने से उनकी पढ़ाई भी काफी ज्यादा प्रभावित होती है. क्योंकि ज्यादातर परीक्षाएं इसी महीनें होती है. खराब स्वास्थ्य के बीच एग्जाम का प्रेशर बच्चा संंभाल नहीं पाता है. आज हम इस आर्टिकल के जरिए कुछ खास टिप्स बताने जा रहे हैं जिसके जरिए बदलते मौसम में अपने बच्चे का खास ख्याल रख सकते हैं. 


सुपरफूड खिलाएं


बदलते मौसम के दौरान बढ़ते वायरस से लड़ने के लिए नैचुरल फूड आइटम ज्यादा खाना चाहिए. जैसे कि सीजनल सब्जी और फल जरूर बच्चे को खिलाएं. इससे शरीर की इम्युनिटी बरकरार रहती है.


दूध में हल्दी मिलाकर पिलाएं- बच्चे को जब भी दूध पिलाएं उसमें हल्का सा हल्दी मिलाएं. इससे बच्चे की इम्युनिटी मजबूत होगी और कोल्ड-कफ से बच्चा बचा रहेगा. 


उसे फ्रूट चाट या पौष्टिक चिकन सूप की एक स्वस्थ थाली के साथ परोसें


विटामिन सी वाले फल खिलाएं. इससे कोल्ड-कफ का खतरा कम होगा. 


च्यवनप्राश खिलाएं
यह हर्बल और औषधीय गुणों से भरपूर है, जो बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है. जब तक आपके बच्चे का स्वाद विकसित न हो जाए तब तक इसे आधा चम्मच से शुरू करें.


बच्चे के पानी पिलाएं


बच्चे को पानी पीने की आदत डालनी चाहिए. इससे वह डिहाइड्रेशन का शिकार नहीं होगा. उसका शरीर हाइड्रेटेड रहेगा. 


फ्लू जैब


बच्चे को उम्र के हिसाब से सारे वैक्सीन दिलवाते रहें. ताकि मौसम बदलने के कारण उसे किसी भी तरह का फ्लू न हो. 


उसे खांसते समय अपना मुंह ढंकना और बार-बार हाथ धोना सिखाएं. खासकर खाना खाने से पहले और बाद में हाथ और मुंह साफ करना जरूर सिखाएं.  बच्चे को शरीर में इधर-उधर छून के लिए मना करें. खासकर आंख-नाक, कान छूए तो मना करें. 


साफ-सफाई का ध्यान रखें


बच्चे के आसपास की जगह और सामानों की सफाई जरूर करें. क्योंकि वह उसका इस्तेमाल करते हैं. उनके मुंह के अंदर गंदगी जाती है. ऐसे में सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें. 


बच्चे को अच्छी नींद लेने दें


बच्चे को भरपूर नींद लेने दें ताकि वह अंदर से रिलैक्स रहे. इसलिए उनका रूम उस हिसाब से तैयार करें ताकि वह अपने रूम में क्वालिटी टाइम दे. 


सर्द हवा के बीच बच्चों को कपड़े की लेयरिंग कर दें. ताकि सुबह अगर ठंड हवा चल रही है तो हवा न लगे और दोपहर में गर्मी बढ़ गई है तो कुछ कपड़े कम कर दे. कपड़े ठंड से पहनाएं. 


बालों का और स्किन का खास ख्याल रखें- बालों और स्किन का खास ख्याल रखें ताकि वह अच्छे फिल करें नहीं तो वो काफी ज्यादा चिड़चिड़ा हो जाएंगे. 


शहद और अदरक अपने पास रखें-कफ सिरप पीने से बच्चा झिझकता है तो उसे आप शहद और अदरक का मिलाकर खिला सकते हैं. 


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