देश में लगातार बारिश हो रही है. जिसके कारण नई दिल्ली, चंडीगढ़ और गुजरात सहित विभिन्न राज्यों में कंजंक्टिवाइटिस तेजी से पैर पसार रहा है. इस बीमारी को आमतौर पर पिंक कलर के रूप में जाना जाता है. 'इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक यशोदा अस्पताल, हैदराबाद के वरिष्ठ सलाहकार चिकित्सक डॉ. दिलीप गुडे ने कहा कि आंख के कंजक्टिवा यानि आंख के व्हाइट परत पर इंफेक्शन हो जाता है. जिसे कंजंक्टिवाइटिस की बीमारी कहते हैं.
आंखों की एलर्जी क्या है?
आंख में एलर्जी, आंख आना या कंजंक्टिवाइटिस एक ही समान है. इन सभी बीमारी आंख पिंक कलर का हो जाता है. आंख में एलर्जी किसी भी वजह से हो सकती है. जैसे- आंख में केमिकल जाना, आंख में इफेक्शन होना, एलर्जी से बचने के लिए आपको साफ सफाई का ख्याल रखना चाहिए. साथ ही जब भी आपको आंख में खुजली या पानी जैसा आ रहा है तो ऐसे में आपको अपने पेट को टच करने से बचना चाहिए.
आंख में एलर्जी के लक्षण क्या हैं?
पलकों पर सूजन होना.
आंखों से धुंधला दिखाई देना
आंख में खुजली होना.
आंख में जलन होना.
आंख में एलर्जी होने पर क्या करना चाहिए
सबसे पहले तो डॉक्टर से अपनी एलर्जी से दिखवाएं ताकि यह बढ़ तो नहीं गया है. और सही दवा लें.
आंख में एलर्जी होने पर कोल्ड कंप्रेस काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. इसलिए इसका इस्तेमाल करें.
आंख में एलर्जी होने पर आंख का खास ख्याल रखने की जरूरत है. साथ ही साथ कवर करके रखें या ग्लासेज पहन कर रखें.
आंख में इंफ्केशन होने पर साफ तौलिए का इस्तेमाल करें. बार-बार आंख को रगड़ने से बचना चाहिए.
कंजंक्टिवाइटिस
कंजंक्टिवाइटिस को पिंक आई भी कहा जाता है. इसे आप इंफेक्शन कह सकते हैं. आंख के व्हाइट पार्ट में यह संक्रमण फैलता है. इसे कंट्रोल करने के लिए डॉक्चर अक्सर ओकुलर ड्रॉप्स, ओरल पिल्स, गंभीर मामलों में स्टोरॉइड या इम्यूनोथैरेपी दे सकते हैं.
कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण
कंजंक्टिवाइटिस होने पर आंख का कलर पिंक हो जाता है.
यह इंफेक्शन होते ही आंखों में सनसनी महसूस हो सकती है
साथ ही साथ खुजली की दिक्कत भी शुरू होती है
आंखों से खूब पानी निकलते हैं
साथ ही साथ आंखों में जलन होने लगता है.
कंजंक्टिवाइटिस होने पर क्या करना चाहिए
कंजंक्टिवाइटिस होने पर बार-बार आंखों को छुना सही नहीं होता है.
किसी भी कपड़े से आंख को धो न लें
आंख और उसके आसपास के एरिया को साफ-सुथरा रखें.
कंजंक्टिवाइटिस कैसे फैलता है?
कंजंक्टिवाइटिस फ़ोमाइट्स वायरस से फैलता है, जिन्हें पहले से यह वायरस हो चुका है उसके टच में आने से यह बीमारी फैलती है. अगर इस बीमारी को रोकना है तो साफ-सफाई का खास ध्यान रखना होगा. जैसे बार-बार हाथ धोएं. जिसे हुआ है उसके हाथों के टच से दूर रहे हैं. यह अगर आपको हुआ है तो आंखों को बार-बार न छुएं. इससे बचने के लिए शुरुआती दवा ही एंटीबायोटिक है. यह 2-3 सप्ताह में ठीक हो जाता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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