खुदकुशी खुद में कोई दिमागी बीमारी नहीं है, बल्कि बहुत सारी मानसिक विकार का गंभीर संभावित परिणाम विशेष रूप से प्रमुख अवसाद है. खुदकुशी को जान बूझकर खुद की जान लेने के तौर पर परिभाषित किया जाता है. इस मुद्दे पर बात करने को कलंक माना जाता है, इसलिए लोग अक्सर चर्चा करने में असुविधा महसूस करते हैं. इस तरह का कलंक वास्तव में किसी को अपने मन के अंतर्द्वंद बताने से रोक सकता है. ये लोगों को दोस्तों और परिजनों से खुदकुशी के विचार पूछने से भी रोक सकता है.


खुदकुशी की प्रवृत्ति उस वक्त हो सकती है जब कोई शख्स अपने आप को अप्रिय स्थिति का मुकाबला करने में अक्षम महसूस करे. ये आर्थिक दुश्वारियों, प्रिय की मौत, संबंध का खात्मा या खराब होती स्वास्थ्य स्थिति के चलते हो सकता है. कुछ दुख, यौन शोषण, पछतावा, अस्वीकृति, बेरोजागरी समेत अन्य आम स्थितियां या जिंदगी की घटनाएं भी खुदकुशी के विचार की वजह हो सकती हैं.


खुदकुशी के विचार की संभावना के कारक


हिंसा या खुदकुशी का पारिवारिक इतिहास


बाल उत्पीड़न, सदमा या उपेक्षा का पारिवारिक इतिहास


दिमागी स्वास्थ्य मुद्दों का इतिहास


निराशा की भावना


एकांत या अकेलेपन की भावना


काम, दोस्तों, वित्त, या किसी प्रियजन की हानि


शारीरिक बीमारी या स्वास्थ्य स्थिति का होना


बंदूक या अन्य जानलेवा उपायों का रखना


कलंक या खौफ के चलते मदद नहीं मांगना


कानूनी समस्याओं या कर्ज का सामना करना


नशा या अल्कोहल के प्रभाव में आना


खुदकुशी की प्रवृत्ति के अधिक खतरे की स्थितियां


डिप्रेशन, स्किजोफ्रीनिया


बाइपोलर डिस्‍आर्डर


कुछ व्यक्तिगत खासियतें जैसे आक्रमण


पुराना दिमागी चोट


पुराना दर्द


अल्कोहल या नशा पर निर्भरता


बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसॉर्डर


पोस्ट-ट्रोमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर


आपकी पहचान किसी की बचा सकती है जिंदगी


परिवार या दोस्त एक शख्स की बोलचाल या व्यवहार से अंदाजा लगा सकते हैं कि उसके अंदर खुदकुशी की प्रवृत्ति पनप रही है. खुदकुशी के विचार रखने वाला शख्स बात या उचित मदद मांग कर मदद हासिल कर सकता है. नेशनल इंस्टीट्यूट फोर मेन्टल हेल्थ ने दिमागी झंझावट से गुजर रहे लोगों की मदद करने के कुछ उपाय सुझाए हैं.


पीड़ित शख्स से उसके खुदकुशी के विचार के बारे में पूछिए. रिसर्च से खुलासा हुआ है कि पूछना खतरे को नहीं बढ़ाता है.


पीड़ित शख्स के आसपास रहकर और खुदकुशी के साधन जैसे चाकू, दवा को हटाकर उसे सुरक्षित रखें.


मेडिकल सहायता लेने के लिए प्रेरित करें या ऐसे संपर्क जैसे दोस्त, पारिवारिक सदस्य या धार्मिक गुरुओं को तलाश करें में जो मददगार साबित हो सके.


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