नॉटी ऐट फॉटी तो आपने सुना होगा... लेकिन क्या 40 की उम्र से जुड़ी हेल्थ मिस्ट्री के बारे में जानते हैं आप?
Health in Forties: सिर्फ नॉटी बनने के लिए नहीं बल्कि अवेयर रहने के लिए भी 40 की उम्र बहुत अहम होती है. क्योंकि इस उम्र में शरीर की जरूरत, बीमारियां और बुढ़ापे की तरफ तेजी से बढ़ना शुरू हो जाता है
Health Tips For Age Of 40's : 40 की उम्र हर इंसान की जिंदगी में बहुत महत्वपूर्ण होती है. फिर चाहे आप महिला हों या फिर पुरुष. ऐसा क्यों है, इस बारे में जानना जरूरी है. क्योंकि 40's लाइफ की वो उम्र होती है, जब आपके जीवन में स्थिरता लगभग आ चुकी होती है और आप अपने करियर में, परिवार में और समाज में अपनी एक जगह बना चुके होते हैं. लेकिन जिंदगी के इन सभी जरूरी आयामों पर काम करते हुए, ज्यादातर लोग अपनी सेहत पर पूरा ध्यान नहीं दे पाते. इसका रिजल्ट लेट 40's में कई हेल्थ समस्याओं के रूप में सामने आता है. इन्हीं में से एक जानलेवा समस्या है हार्ट डिजीज.
8 गुना बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा
- आपको जानकर हैरानी होगी कि 40 की उम्र तक शरीर में फैट, कोलेस्ट्रोल, हाईबीपी जैसी कई समस्याएं जमा हो जाती हैं. ये सभी समस्याएं हार्ट अटैक को ट्रिगर करती हैं. यही कारण है कि पिछले दिनों 'एनल्स ऑफ इटरनल मेडिसिन' में प्रकाशित हुई एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि हिडन हार्ट डिजीज कंडीशन होने पर हार्ट अटैक का खतरा 8 गुना तक बढ़ जाता है.
- हार्ट अटैक की स्थिति को और भी गंभीर बनाने का काम करता है एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis). यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की नसों के अंदरूनी हिस्से में फैट जमा हो जाता है, जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं और इस कारण हार्ट पर दबाव बढ़ने लगता है, जिसकी वजह से हार्ट अटैक की स्थिति बन जाती है.
- चिंता की बात ये है कि नसों में ये फैट जमा होने के किसी तरह के लक्षण शुरुआती तौर पर नजर नहीं आते हैं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए व्यक्ति अपनी सेहत के प्रति अतिरिक्त सर्तकता बरत सके. इस बारे में पता ही तब चल पाता है, जब स्थिति गंभीर हो जाती है. दिक्कत की बात ये है कि ये फैट कम उम्र में ही जमा होना शुरू हो जाता है लेकिन इसके बारे में पता तब चलता है, जब हार्ट अटैक हो जाता है.
कैसे सामने आई ये बात?
- हार्ट अटैक के लगातार बढ़ते केसेज और हार्ट को हेल्दी रखने के तरीकों पर रिसर्च के दौरान रिसर्चर्स ने करीब 9 हजार लोगों को अपने शोध में शामिल किया. ये लोग कोपहेगन, डेनमार्क से हैं और इनकी उम्र 40 साल से ऊपर रही.
- शोध के दौरान इन लोगों की आर्टरीज और नसों का डिटेल्ड एक्स-रे लिया गया. इनमें से 46 प्रतिशत लोगों में एथेरोस्क्लेरोसिस की स्थिति थी लेकिन इनमें हार्ट की बीमारी का कोई लक्षण सामने नहीं आ रहा था. यह रिसर्च 9 साल तक चली और इस दौरान 71 लोगों को हार्ट अटैक आया. जबकि 193 लोगों की इस स्थिति के चलते अचानक मृत्यु हो गई. इस बारे में शोधकर्ताओं का कहना है कि 40 की उम्र के बाद लोगों को अपनी हार्ट हेल्थ को लेकर अधिक सतर्क होने की जरूरत है. आप सिर्फ सीटी-स्कैन नहीं बल्कि स्क्रीनिंग के जरिए भी अपनी कार्डियोवस्कुलर हेल्थ पर पूरी नजर रखें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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