How To Test Adulteration In Turmeric: हल्दी प्राचीन जमाने से आम इस्तेमाल के साथ उपचार के तौर पर भी मशहूर है. ये भारतीय किचन में प्रमुखता से पाया जाता है. उसके बिना फूड की तैयारी अधूरी समझी जाती है. उसमें सूजन रोधी और कैंसरकारी रोधी गुण होते हैं. हालांकि, हल्दी की शुद्धता को पहचानना इन दिनों चुनौती बन गया है. उसें अतिरिक्त रंग, बनावट या बनावटी स्वाद मिलाया जाता है. कोई भी मिलावटी फूड सेहत के लिए नुकसानेदह समझा जाता है और बीमारियों को पैदा कर सकता है. ऐसे में लोगों की सेहत के लिए फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने पता लगाने का आसान टेस्ट साझा किया है कि क्या हल्दी को कृत्रिम रंग के साथ मिलाया गया है या नहीं. ट्विटर पर शेयर किए गए वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे मिलावटी और असली हल्दी के बीच अंतर का फैसला करें.
- दो ग्लास पानी लें और उसमें थोड़ी मात्रा में हल्दी को मिलाएं.
- आप देखेंगे कि हल्दी का असली सैंपल नीचे बैठने के साथ हल्का पीला हो जाएगा.
- दूसरी तरफ, मिलावटी हल्दी के साथ मिश्रण का रंग मजबूत गहरा पीला हो जाएगा.
मेडिकल न्यूज की रिपोर्ट से पता चलता है कि बांग्लादेश में पैदा की गई हल्दी में बेहद जहरीले भारी धातु होते हैं जो सामान्य लेवल से बहुत ज्यादा होते हैं. हल्दी उत्पादन करनेवाले नौ जिलों में सात जिले मिलावटी हल्दी उगाते हैं. ये हल्का पीला होता है और क्रोमेट नामी यौगिक भी पाया जाता है. रिसर्च को 7 सितंबर, 2019 में Environmental Research पत्रिका में प्रकाशित किया गया था, उसके मुताबिक, ये बेहद जहरीला है, नस की सेल को प्रभावित करता है. हाल ही में, एफएसएसएआई ने ताजा, हरी सब्जियों को जांचने का तरीका शेयर किया था और बताया था कि बाजार से लाई गई सब्जियों में मिलावट किया गया है या नहीं.
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