How to use haldi in monsoon: हल्दी ऐंटीबैक्टीरियल, ऐंटीफंगल और ऐंटीइंफ्लामेट्री गुणों से भरपूर होती है. यानी यह शरीर में पनपने वाले बैक्टीरिया (Bacteria), फंगस (Fungal infection) और सूजन(Swelling) का नाश करती है. बारिश के मौसम (Monsoon) में ये तीनों ही समस्याएं सामान्य से अधिक परेशान करती हैं. क्योंकि ह्यूमिडिटी (Humidity) और नमी के कारण इस मौसम में बैक्टीरिया, वायरस,फंगस सभी बहुत तेजी से ग्रो करते हैं. इसलिए निरोग रहने के लिए हल्दी का सेवन बहुत जरूरी हो जाता है.
अब सवाल यह उठता है कि हल्दी का सेवन हम भारतीय दाल-सब्जी में करते ही हैं तो क्या इसके अलग भी हल्दी का सेवन करना चाहिए? इसका उत्तर यह है कि यदि आपको इंफेक्शन, कोल्ड, स्किन डिजीज की समस्या है तो आप हल्दी का सेवन दाल-सब्जी से अलग भी नियमित रूप से करके खुद को स्वस्थ बना सकते हैं.
कैसे करें हल्दी का सेवन?
हल्दी पित्त वर्धक होती है. इसलिए इसका सेवन दूध के साथ किया जाता है. लेकिन सावन के महीने में दूध का सेवन करने की मनाही होती है, ऐसे में हल्दी का सेवन कैसे करें? तो जान लीजिए कि जरूरी होने पर आप सावन के महीने में भी हल्दी के साथ दूध का सेवन कर सकते हैं. लेकिन अच्छा यही रहेगा कि आप मॉनसून के दूसरे महीने यानी भादो से दूध का सेवन प्रारंभ करें.
मॉनसून में कब पी सकते हैं दूध?
आपने यह जरूर सुना या पढ़ा होगा कि बारिश के दिनों में दूध का सेवन नहीं करना चाहिए. जबकि सही बात यह है कि आपको सवान के महीने में दूध का सेवन नहीं करना चाहिए, भादो के महीने में आप दूध का सेवन कर सकते हैं. दरअसल, मॉनसून के दो महीने होते हैं, पहला सावन और दूसरा भाद्रपद, जिसे भादो भी कहते हैं. सावन में दूध का सेवन हानि देता है, जबकि भादो में छाछ का सेवन नहीं करना चाहिए. जरूरी होने पर आप सावन के महीने में भी हल्दी के साथ दूध (Turmeric Milk) का सेवन कर सकते हैं.
हल्दी का सेवन करने की विधि क्या है?
- रात का भोजन करने के दो घंटे बाद आप एक गिलास दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पी लें. दूध को मीठा करने के लिए मिश्री या फिर गुड़ का उपयोग करना सही होता है.
- सुबह के समय में हल्दी का सेवन करना हो तो इसी विधि का पालन करें और ध्यान रखें कि भोजन के दो घंटे बाद ही दूध का सेवन किया जाना चाहिए.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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