हींग को आयुर्वेद में पाचन में सुधार करने वाली जड़ी-बूटी के रूप में जाना जाता है. हींग को दिल, पेट और दांत से जुड़ी कई समस्याओं के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है. इसके अलावा ये कफ, आंत और पित्त को बढ़ावा देता है. पित्त दोष को बैलेंस करना पेट के लिए बहुत जरूरी है और हींग, पित्त दोष को बैलेंस करता है और डाइजेशन को बेहतर बनाने में मदद करता है लेकिन को हींग को लगाने के भी अनेकों फायदे हैं तो आइये जानते हैं हींग को लगाने के क्या-क्या फायदे हैं.
1- सरसों तेल और हींग- सरसों तेल में हींग मिलाकर लगाने से ये आपके पेट के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है. दरअसल, गैस और ब्लॉटिंग में ये नुस्खा बहुत कारगर तरीके से काम करता है. इसका एंटीइंफ्लेमेटरी गुण सबसे पहले सूजन को दूर करता है और फिर पेट में एसिड के प्रोडक्शन को कंट्रोल करने में मदद करता है. अगर आपके पेट में बीच में दर्द हो रहा हो तो आपको हींग को सर्कुलर मोशन में घुमाते हुए लगाना है. लेकिन अगर आपका पेट फूला हुआ हो तो हींग गर्म करके और इसे सरसों तेल में मिलाकर पूरे पेट पर लगाएं और ऊपर से नीचे की ओर मालिश करें. इसे मालिश ऐसे करें कि गैस नीचे की ओर आए. इसके अलावा अगर आपको सीने में जलन हो रही हो या लगातार खट्टी डकारें आ रही हो तो आप हींग और तेल को सीने से मलते हुए पेट की ओर लगाएं.
2- गर्म पानी और हींग- हींग का लेप बहुत ही फायदेमंद होता है. इसके लिए हींग को गर्म पानी में मिलाएं और इसका एक लेप तैयार करें. फिर इसे अपने नाभि पर लगाएं और हल्के हाथों से नाभि के आस-पास मालिश करें. इस तरह हींग नाभि पर लगाने से आपको दर्द से रात मिल जाएगी.
3- देसी घी और हींग- हींग को गर्म करके देसी घी में मिलाकर आप अपने पेट पर लगा सकते हैं. ये पेट में ऐंठन को कम करता है और छोटे बच्चों में गैस की समस्या को दूर करता है. इसके अलावा ये नुस्खा मासिक धर्म के दर्द से राहत दिलाने में भी मददगार है. अनियमित पीरियड्स और मासिक धर्म में ऐंठन ज्यादातर महिलाओं के लिए एक बुरा सपना होता है और ऐसे में हिंग का एक प्राकृतिक ब्लड थिनर होने के कारण, पीरियड्स के दौरान रक्त के थक्कों को कम करता है. प्रवाह को सुचारू और आसान बनाता है. इस प्रकार ये निचले पेट और पीठ में ऐंठन को कम करता है. एक चुटकी हींग लें. अब देसी घी को गर्म करें और उसमें हींग मिलाएं. अब इसे नाभि पर मालिश करें. ध्यान रहे कि ज्यादा मालिश ना करें.
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