How to use  Sesame oil: सदियों से हमारे भोजन का हिस्सा है तिल का तेल. पुराने समय में जिन घरों में देसी घी उपलब्ध नहीं होता था, वे घी की जगह तिल का तेल दाल, सब्जी और खिचड़ी में डालकर खाते थे. यह तेल सेहत के गुणों से ही नहीं बल्कि स्वाद से भी भरपूर होता है. यहां तक कि इस तेल का उपयोग मालिश के लिए भी किया जाता है और स्किन का ग्लो बढ़ाने के लिए भी.


खास बात यह है कि इस तेल को खाने का एक उचित समय होता है. आप स्किन पर या दूसरे कार्यों में तो इस तेल का उपयोग कर सकते हैं लेकिन खाने में इसका उपयोग हर मौसम में नहीं किया जाता है. इस तेल को कब और कैसे खाएं ताकि सर्दियों में ठंड ना सताए, इसके बारे में यहां जानें...


तिल के तेल की उपयोग विधि


सितंबर का महीना चल रहा है हालांकि अभी गर्मी बहुत अधिक है लेकिन आप सीमित मात्रा में तिल के तेल का उपयोग शुरू कर सकते हैं. अक्टूबर में इसे थोड़ा और बढ़ा दें और नंबर-दिसंबर में इसका सेवन करें. दिसंबर के बाद इसका सेवन धीरे-धीरे कम कर दें. ताकि फरवरी आते-आते इस तेल की गर्माहट शरीर के अंदर शांत होने लगे और आपको मार्च-अप्रैल में ही बहुत अधिक गर्मी का अहसास ना हो. तिल का तेल खाने की यह पारंपरिक विधि है ताकि इसके गुणों का लाभ भी लिया जा सके और इसे खाकर सर्दियों से खुद को बचाने के लिए शरीर को तैयार किया जाता है.


कैसे करें तिल के तेल का उपयोग?



  • जैसा कि आपको बताया जा चुका है कि तिल का तेल खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है और आप इसे घी की तरह उपयोग करके खा सकते हैं.

  • साथ में वॉइल्ड सैलेड या स्नैक्स में भी इसका उपयोग कर सकते हैं.

  • दाल-सब्जी में तड़का लगाने में भी इस तेल का उपयोग किया जा सकता है.

  • पूड़ी और पराठे बनाने में भी इस तेल का उपयोग कर सकते हैं.

  • यह तेल बहुत पवित्र माना जाता है. यही कारण है कि घर में गाय के दूध से बना शुद्ध देसी घी ना होने की स्थिति में तिल के तेल का उपयोग पूजन में किया जाता है.


तिल के तेल के गुण



  • तिल का तेल प्रोटीन से भरपूर होता है

  • फॉस्फोरस का अच्छा सोर्स है

  • विटामिन-डी, ई और के इसमें होते हैं

  • तिल का तेल वात और कफ को नियंत्रित करता है

  • इसके सेवन से खांसी, सांस संबंधी और फेफड़ों की बीमारियां नहीं होती हैं

  • तिल का तेल तासीर में बहुत गर्म होता है, इसके सेवन से सर्दी के कारण होने वाली बीमारियां दूर रहती हैं.

  • तिल का तेल त्वचा पर लगाने से ग्लो बढ़ता है और फंगल इंफेक्शन का खतरा कम होता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 


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