क्या है Hypoglycemia, डायबिटीज की दवा खाने वालों को भी ये बीमारी बेहोश कर देती है
डायबिटीज पेशेंट को दवा खाते वक्त भी सावधानी बरतने की जरूरत है. नियमित तौर पर दवा खाने से शुगर लेवल अधिक डाउन हो सकता है. इससे हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति पैदा हो सकती है.
Hypoglycemia Treatment: हाइपरटेंशन, मोटापा, डायबिटीज समेत अन्य बीमारियां लाइफ स्टाइल से जुड़ी डिसीज हैं. लाइफ स्टाइल को दुरस्त रख काफी हद तक इन बीमारियों से बचा जा सकता है. डायबिटीज के बारे में डॉक्टर कहते हैं कि एक बार यह रोग लग जाए तो जीवन भर नहीं छूटता. बस दवा और बेहतर लाइफ स्टाइल से मैनेज किया जा सकता है. डायबिटीज नियंत्रण के लिए हर दिन टेबलेट का सहारा लेना पड़ता है. क्या आप जानते हैं कि ये टेबलेट ही कई बार डायबिटीज से जुड़ी दूसरी बीमारियों को न्यौता दे देती हैं इसलिए दवा खाने समय भी बॉडी में ग्लूकोज लेवल पर नजर रखने की जरूरत है.
हो सकता है हाइपोग्लाइसीमिया
डॉक्टरों का कहना है कि हाइपोग्लाइसीमिया ग्लूकोज लेवल घटने से ही जुड़ी कंडीशन है. दवा खाते रहने पर या ऐसे ही अचानक बॉडी में ग्लूकोज का लेवल कम हो जाए तो यह कंडीशन हाइपोग्लाइसीमिया कहलाती हैं. इसमें कई बार पेशेंट अचानक बेहोश होकर गिर जाता है.
क्यों हो जाती है ये परेशानी
डॉक्टरों ने बताया कि बॉडी में ग्लूकोज का लेवल एक दम तेजी से कम होना ही हाइपोग्लाइसीमिया कहलाता है. बॉडी मेें नार्मल ग्लूकोज लेवल 100 से 120 मिलीग्राम प्रतिशत होना चाहिए. कई बार ऐसा होता है कि पेशेंट लगातार डायबिटीज नियंत्रण की गोली लेता रहता है. मीठा वह बिल्कुल कम लेने लगता है. इससे उसके ब्लड में ग्लूकोज का लेवल 50 से 60 मिलीग्राम प्रतिशत रह जाता है. कई बार इससे भी कम हो जाता है. वहीं, कई व्यक्ति खुद से ही मीठा खाना बंद कर देते हैं. इससे भी हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति पैदा हो जाती है. ऐसी कंडीशन पर नजर रखने की जरूरत है.
अधिक सावधान रहने की जरूरत
लो शुगर लेवल को लेकर सभी लोगों को अवेयर होना चाहिए. डॉक्टरों ने बताया कि ब्लड शुगर तेजी से कम होने पर गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है. इससे अवेयर होने की जरूरत है. आमतौर पर स्वास्थ्य या जीवन के लिए तुरंत कोई खतरा नहीं होता है, लेकिन यदि हाइपोग्लाइसीमिया बहुत कम हो जाता है तो बेहोशी की स्थिति हो सकती है. ज्यादा ही कम होने पर ब्रेन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
लक्षणों को पहचानें
लक्षणों को पहचानने की जरूरत है. चेहरा सफेद पड़ जाना, चक्कर आना, पसीना अधिक आना,, दिल की धड़कनों का बढ़ना, मितली आना, चिडचिड़ापन होना, एंग्जाइटी, सिदर्द, व्यवहार में बदलाव होना, बोलने में कठिनाई होने, विजन क्लीयर न होना, मसल्स कमजोर होना, खाने पीने में असमर्थता. शुगर लेवल अधिक कम होने पर बेहोशी की हालत हो सकती है. इससे बचाव के लिए तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. शुगर लेवल कम लगने पर मीठा खा लें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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