Hypoglycemia: हमारे शरीर में शुगर यानी ग्लूकोज ऊर्जा का एक मुख्य स्रोत है. ये शुगर ब्लड के सहारे हमारे शरीर के अंगों तक पहुंचता है यानी ब्लड शुगर शरीर की बुनियादी जरूरत है. शुगर कभी ज्यादा हो सकता है तो कभी कम. शुगर का बढ़ना और घटना दोनों ही स्थितियां खतरनाक हैं. हाइपोग्लाइसीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लड शुगर लेवल सामान्य से कम हो जाता है.


डायबिटीज में लो ब्लड शुगर लेवल का ज्यादा खतरा


डायबिटीज के मरीजों को लो ब्लड शुगर लेवल का ज्यादा खतरा होता है, लेकिन ये सिर्फ उनके साथ ही नहीं है बल्कि सेहतमंद लोगों को भी हो सकता है. ये एक गंभीर स्थिति है जिसका इलाज जरूरी हो जाता है. खराब तरीके से डायबिटीज का प्रबंधन, खास दवा और स्वास्थ्य की स्थिति का भी लो ब्लड शुगर लेवल में योगदान हो सकता है. लोग आम तौर से अपने गिरते हुए ब्लड शुगर के बारे में अनजान होते हैं. गंभीर पेचीदगी से बचने के लिए जरूरी है कि आप लो ब्लड शुगर लेवल के कुछ लक्षणों को जानें.


हाइपोग्लाइसीमिया के संकेत और लक्षण को समझें


डायबिटीज विशेषज्ञ डॉक्टर वी मोहन बताते हैं, "हाइपोग्लाइसीमिया या कम ब्लड शुगर के लक्षणों में अत्यधिक भूख, पसीना, घबराहट, थकान और चक्कर आना शामिल है." उसके अन्य लक्षण मूड में अचानक बदलाव, स्पष्ट दिखाई न देना, स्किन का पीला होना है. लो बल्ड शुगर होने से आपका सामान्य कामकाज करना मुश्किल हो जाता है. अत्यधिक थकान आपके लिए रोजाना के काम को प्रभावी तरीके से करना मुश्किल बना सकता है.


अगर समय रहते काबू न किया जाए, तब उससे होश का चले जाना, धुंधलापन और यहां तक कि कुछ मामलों में दौरा भी हो सकता है. डॉक्टर मोहन की सलाह है कि अगर आपको इन लक्षणों में से कोई दिखाई दे, तब फौरन अपना शुगर चेक करें. लो होने पर ग्लूकोज, मीठा या तत्काल लक्षणों को दूर करने वाली सामग्री खाएं. अगर आप डायबिटीज के मरीज नहीं हैं तब आपको फौरन ब्लड शुगर लेवल चेक करना संभव नहीं हो सकता. ऐसी स्थिति में लक्षण के नहीं सुधरने पर डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए.


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