भारत में कुछ सालों में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के मामले काफी ज्यादा बढ़े हैं.फिलहाल इसकी संख्या घटती नजर आ रही है. हाल ही के आंकड़ों से पता चला है कि साल 2026 तक हर साल कैंसर के मरीज की संख्या 20 लाख से ज्यादा आने वाली है. आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में ज्यादातर महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी से जूझ रही हैं. वहीं पुरुष फेफड़े के कैंसर से पीड़ित हैं. ICMR कैंसर फैक्टशीट के मुताबिक, 10 सालों के आंकड़ें को एक्ट्ठा किए गए हैं. जिसमें  27.8 प्रतिशत महिला ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं. वहीं 10.5 प्रतिशत से अधिक पुरुष फेफड़े के कैंसर से पीड़ित है.


इस खास रिसर्च में इन हॉस्पिटल के डेटा को शामिल किया गया है


इस रिसर्च में 10 साल का डेटा शामिल किया गया है. साथ ही इसमें ICMR ने NCDIR (नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च) सहित साल 2021 के दिल्ली के 7 हॉस्पिटल के डेटा को शामिल किया गया है. हालांकि रिसर्चर ने नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की रिपोर्ट के मुताबिक इस रिसर्च में जो डेटा शामिल किया गया है. इस रिसर्च में कई हॉस्पिटल के डेटा और बीमारी के नाम का खुलासा नहीं किया गया है. रिसर्च में जिन हॉस्पिटलों को शामिल किया गया है. उनके नाम है-डॉ बीआर अंबेडकर संस्थान रोटरी कैंसर अस्पताल, यकृत और पित्त विज्ञान संस्थान, मैक्स कैंसर केंद्र, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज और राजीव गांधी कैंसर संस्थान और अनुसंधान केंद्र शामिल हैं.


ओरल कैंसर और सर्वाइकल कैंसर


आंकड़ों से यह भी पता चला है कि ओरल कैंसर और गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर क्रमशः पुरुषों और महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है. लगभग 7.5 प्रतिशत पुरुष कैंसर रोगियों में मुंह का कैंसर देखा गया और 10 प्रतिशत महिला कैंसर रोगियों में सर्वाइकल कैंसर देखा गया.


इसके अलावा, दिल्ली में पुरुषों में कैंसर के मामलों में 41.2 प्रतिशत और महिलाओं में 12.4 प्रतिशत तंबाकू का योगदान है.


दिल्ली में इन 4 तरह के कैंसर के मरीज सबसे ज्यादा हैं


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली में दिन पर दिन कैंसर के मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. हाल ही में हुए रिसर्च में इस बात का खुलासा किया गया है. दिल्ली में चार तरह के कैंसर जैसे- ओरल, ब्रेस्ट, सर्वाइकल और फेफड़ें के कैंसर के मरीज सबसे ज्यादा हैं. देश की राजधानी के दिल्ली के यह आंकड़े काफी ज्यादा डराने वाले हैं. 


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