मां बनने की कर रही हैं प्लानिंग तो पहले ये 5 टेस्ट जरूर करवाएं... कॉम्प्लिकेशन से बचने में मिलेगी मदद
प्रेग्नेंसी से पहले अगर महिलाएं कुछ टेस्ट करवा लें तो इससे गर्भ में पहल रहे बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचता और प्रेग्नेंसी में भी कोई कॉम्प्लिकेशन नहीं होता
Pre Pregnancy Test: मां बनना दुनिया का सबसे खूबसूरत एहसास है लेकिन ये सफर मुश्किल भरा और लंबा होता है, प्रेग्नेंसी के दौरान मां और शिशु को परेशानी ना आए इसलिए डॉक्टर प्रेगनेंसी से पहले महिलाओं को कुछ टेस्ट कराने की सलाह देते हैं, जिन्हें प्री- प्रेगनेंसी टेस्ट कहा जाता है. इनकी मदद से पता लगता है कि मां स्वस्थ है या उसे किसी तरह की बीमारी है. इन टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर डॉक्टर प्रेगनेंसी के लिए जरुरी दवाई और सप्लीमेंट देते हैं और आपको आगे की जर्नी के लिए तैयार करते हैं
पैप स्मीयर जांच
आज कल महिलाओं को कब कैंसर हो जाए पता ही नहीं लगता ऐसे में प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले पैप स्मीयर टेस्ट जरूर कराएं. ये गर्भाशय ग्रावा ( सर्विक्स) में कैंसर के शुरुआती लक्षणों की जांच करने का एक टेस्ट है. सर्विक्स महिलाओं के प्रजनन तंत्र का हिस्सा है जहां गर्भाश योनि से मिलता है.सर्वाइकल कैंसर के अलावा एचपीवी संक्रमण की जांच के लिए पैप स्मीयर टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है. सही समय पर पैप स्मीयर जांच करवाने से सर्वाइकल कैंसर का पहले ही पता लगाया जा सकता है.ये गर्भाशय में उन कोशिकाओं को पता लगाती है जो कैंसर ग्रस्त हैं या भविष्य में जिनके कैंसर ग्रस्त होने की संभावा है.
सिफलिस सोरोलॉजी
सिफलिस सोरोलॉजी ब्लड टेस्ट के जरिए करवाया जाता है. इस टेस्ट में यौन संक्रमित इन्फेक्शन के बारे में पता लगाया जाता है. सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ के कारण प्रेगनेंसी के दौरान कई तरह के साइड इफेक्ट हो सकते हैं. अगर समय रहते हुए इसका पता लगाया जाए तो इसे एंटीबायोटिक की मदद से इलाज किया जा सकता है.
थायराइड
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में थायराइड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. हर पांच में से दो महिलाएं थायराइड की चपेट में आ जाती हैं. इसलिए प्रेगनेंसी से पहले थायराइड का टेस्ट करवाना जरूरी है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक प्रेगनेंसी कंसीव करने से लगभग 3 महीने पहले थायराइड टेस्ट करना जरूरी होता है अगर कोई महिला थायराइड से जूझ रही होती है तो गर्भ में पलने वाले बच्चे को नियोनेटल हाइपोथायराइड होने का खतरा रहता है.
हेपिटाइटिस बी
प्रेगनेंसी से पहले हेपिटाइटिस बी का टेस्ट करवाना भी बहुत जरूरी होता है. क्योंकि अगर कोई महिला प्रेगनेंसी से पहले हेपेटाइटिस बी से पीड़ित होती है तो इससे ब्लीडिंग होने का खतरा ज्यादा रहता है और इससे शिशु भी प्रभावित हो सकता है. ऐसे महिला को बच्चे के जन्म से पहले ही हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाना चाहिए.
इसके अलावा प्रेगनेंसी से पहले विटामिन बी की कमी, हीमोग्लोबिन काउंट, आरएच फैक्टर, रूबैल्ला वेरीसैला, टीबी, टोक्सोप्लासमोसिस की जांच के लिए भी डॉक्टर महिलाओं को ब्लड टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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