Migraine Headache: माइग्रेन (Migraine) एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें सिर के एक तरफ तेज दर्द और उल्टी जैसा महसूस होता है. आज के समय में खराब खानपान, अनियंत्रित जीवनशैली, तनाव, अनुवांशिंकता और अधिक सोने के कारण लोग माइग्रेन की बीमारी के शिकार होते हैं. वहीं कोरोना की दूसरी लहर के बाद लोगों में माइग्रेन की बीमारी पहले से बढ़ गई है. 


दिल्ली के गोविंद बल्लभ (जीबी) पंत सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. देवाशीष चौधरी का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद ओपीडी में देखा जा रहा है कि न्यूरोलॉजी विभाग में आने वाले 30 फीसदी मरीजों में सिर दर्द की समस्या हो रही है. ऐसा नहीं है कि यह समस्या सिर्फ पोस्ट कोविड मरीजों में ही देखा जा रहा है बल्कि कोरोना नहीं होने वाले मरीजों में भी देखा जा रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण यह सामने आ रहा है कि लॉकडाउन के दौरान लोग लंबे समय से घरों में बंद रहे, जिसकी वजह से स्ट्रेस बढ़ने से इस तरह की समस्या उत्पन्न हो रही है.


डॉक्टरों में भी माइग्रेन की समस्या बढ़ी


समस्या सिर्फ आम आदमी में ही नहीं डॉक्टर्स में भी देखने को मिल रहा है. जीबी पंत में हुई एक स्टडी में भी यह देखने को मिला है कि हमारे स्वास्थ्य कर्मी लगातार पिछले डेढ़ साल से कोरोना वार्ड में ड्यूटी कर रहे हैं. जिसके वजह से हर चौथे स्वास्थ्य कर्मी किसी न किसी प्रकार के तनाव या फिर बर्न आउट सिंड्रोम से ग्रसित हैं. ऐसे में डॉक्टर्स में  भी सिर दर्द और माइग्रेन की समस्या देखने को मिल रही है. यह बीमारी जानलेवा तो नहीं है लेकिन रोजमर्रा की जिंदगी में काफी असर डाल रहा है.भारत में एक शोध में भी पाया गया था कि 25 फीसदी लोगों को माइग्रेन की समस्या है ऐसे में माइग्रेन जैसे समस्या होने के पीछे कई वजह हो सकते हैं नींद सही तरह से नहीं लेना, तनाव, शारीरिक व्यायाम आदि न करना.


सिर दर्द संबंधी दिक्कत बढ़ी


माइग्रेन सिरदर्द का एक प्रकार होता है और यह मस्तिष्क में तंत्रिका तंत्र के विकार के कारण होता है। असल में माइग्रेन (आधा) सिर में बार-बार होने वाला दर्द है जो खासकर सिर के आधे हिस्से को प्रभावित करता है। इसके आक्रमण की अवधि कुछ घंटों से लेकर कई दिनों की हो सकती है। यह स्थिति को आनुवंशिकी माना जाता है।वहीं ब्रेन की एमआरआई या सीटी स्कैन करवाने पर इसके असली कारण का पता चलता है.


माइग्रेन के लक्षण: माइग्रेन की बीमारी में सिर के आधे हिस्से में तेज दर्द, उल्टी, ब्लाइंट स्पॉट, रोशनी और आवाज के बढ़ने से संवेदनशीलता, ध्यान केंद्रित ना कर पाना, मानसिक शक्ति प्रभावित होना, त्वचा का पीला पड़ जाना और हाथ-पैरों में झुनझुनी जैसी समस्याएं महसूस होती हैं.


बचाव के उपाय: माइग्रेन की बीमारी से पीड़ित लोगों को अपने खानपान का विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. क्योंकि कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे हैं, जिनके कारण माइग्रेन का दर्द बढ़ सकता है.


ठंडी चीजें: माइग्रेन के मरीजों को ठंडी चीज खाने से बचना चाहिए। क्योंकि इससे माइग्रेन की समस्या बढ़ सकती है. माइग्रेन के रोगियों को आइसक्रीम आदि के सेवन से परहेज करना चाहिए.


चाय और कॉफी: माइग्रेन के रोगियों को चाय और कॉफी का सेवन कम कर देना चाहिए. क्योंकि कॉफी में मौजूद कैफीन माइग्रेन के दर्द को ट्रिगर कर सकता है. साथ ही कैफीन दिमाग की नसों में रुकावट डाल देता है, जिसके कारण ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन का फ्लो धीमा हो जाता है.


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