अगर बार-बार लगती है प्यास तो हो जाएं अलर्ट, आपको हो सकती है गंभीर बीमारी
किसी भी चीज की अति सही नहीं माना जाती है. यह बात हमारे खान-पान यहां तक ही पानी पर भी लागू होती है जो कि हमारे जीवन के लिए बहुत जरुरी है.
कहते हैं किसी भी चीज का अति सही नहीं होती है. यह बात हमारे खान-पान यहां तक ही पानी पर भी लागू होती है जो कि हमारे जीवन के लिए बहुत जरुरी है. अगर आपको जरुरत से ज्यादा प्यास लगती है या फिर आप अधिक पानी बार-बार पीने लगते हैं तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है.
कितना पानी पिना है जरूरी यह बात कई मेडिकल शोध में सामने आई है कि एक सेहतमंद इंसान के लिए प्रतिदिन औसत 2 से 3 लीटर पेयजल पर्याप्त है. विशेष स्थितियों में पानी की यह मात्रा घट या बढ़ सकती है. अत्याधिक श्रम करने पर, किसी ऊंचे स्थान पर होते हैं या अत्यधिक गर्मी के दौरान हमें सामान्य से ज्यादा पानी की जरूरत महसूस होती है. हालांकि कई बार अधिक प्यास लगना, बार-बार पानी पीना किसी बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं. जानते हैं ये बीमारियां कौन सी हो सकती हैं.
बहुत ज्यादा प्यास लगने को मेडिकल टर्म में ‘पॉलीडिप्सिया’ कहा जाता है. ‘पॉलीडिप्सिया’ की अवस्था में व्यक्ति जरूरत से ज्यादा पानी पीता है. जरुरत से ज्यादा पानी पिने की वजह से शरीर में सोडियम की कमी, मतली या उल्टी जैसे लक्षण हो सकते हैं. सामान्य से ज्यादा पेशाब करने की समस्या से भी जूझना पड़ सकता है. कुछ बीमारियां ऐसी भी होती हैं, जिनमें अत्यधिक प्यास लगना प्रमुख लक्षण होता है.
डायबिटीज बार-बार प्यास का लगना इस बीमारी एक प्रमुख लक्षण है. डायबिटीज में खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, जिसको किडनी आसानी से छान नहीं पाती है. ये शुगर यूरिन के साथ बाहर निकलती रहती है, जिसकी वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है. यही बार-बार प्यास लगने की वजह बनती है.
डिहाईड्रेशन शरीर में पानी की कमी को डीहाईड्रेशन कहते हैं. यह फूड पॉयजनिंग, हीटवेव, डायरिया, इन्फेंक्शन, फीवर या बर्निंग की वजह से होती है. इसके लक्षण हैं - बार-बार प्यास का लगना, मुंह का सूखना, थकान, उल्टी, मतली और बेहोशी. सही मात्रा में पानी और जरूरी इलेक्ट्रोलाईट्स देकर इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है. लापरवाही बरतने पर यह बीमारी जानलेवा सिद्ध हो सकती है.
एंग्जायटी धड़कन का बढ़ जाना, बेचैनी और घबराहट का महसूस होने को ही एंग्जायटी कहते हैं. एंग्जायटी में मुंह भी सूखने लगता है, कुछ एंजाइम मुंह में बनने वाली लार की मात्रा में भी कमी ला देते है. इन कारणों से अधिक प्यास लगने लगती है.
अपच अधिक तेलयुक्त या मसालेदार भोजन पचाने में मुश्किल होता है. शरीर को गरिष्ठ भोजन पचाने के लिए अधिक पानी की जरूरत होती है. इससे शरीर में पानी की कमी होने लगती है और ज्यादा प्यास लगने लगती है.
अधिक पसीना आना गर्म और आद्र जलवायु में अधिक पसीना आना पानी की कमी का कारण बनता है. जिसके बाद हमारा शरीर तापमान संतुलित करने के लिए अधिक पानी की मांग करता है.
उपाय
- प्यास को संतुलित करने की कोशिश करनी चाहिए.
- एक बार में ज्यादा पानी पीने से बचना चाहिए.
- कुछ घरेलू नुस्खे आजमा सकते हैं. आंवला पाउडर और शहद का मिश्रण खाएं या भिगी सौंफ को पीस कर खाने से कृत्रिम प्यास कम हो सकती है.
- अधिक समस्या हो तो डॉक्टर से संपर्क करें.
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