Persistent Low Grade Fever: सर्दियां शुरू हो गई हैं साथ ही शुरू हो गया है कफ, कोल्ड और फीवर का सीजन. कई बार ये समस्याएं होती हैं और कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती हैं. वहीं कई बार कई दिन हो जाते हैं लेकिन बुखार नहीं जाता. कुछ केसेस में और कई दूसरा लक्षण प्रकट नहीं होता केवल हल्का बुखार बना रहता है. ऐसे में लोग कई बार इस समस्या को हल्के में लेते हैं और पैरासीटामॉल खाकर काम चलाते रहते हैं. लेकिन आपको हल्का फीवर एक हफ्ते से ज्यादा है तो इसे सीरियसली लें और बीमारी की जड़ में जाकर सही इलाज कराएं.


क्या होता है लो ग्रेड फीवर


लो ग्रेड फीवर का मतलब है कि 99 से लेकर 101 तक बॉडी टेम्परेचर रहना और शरीर में खासकर पैरों में दर्द बने रहना. दिन के किसी समय रोज बुखार आने लगता है और एक पैरासीटामॉल की गोली से चला भी जाता है लेकिन ऐसा कई दिनों तक होता है. अगर आपको भी 10 से 14 दिनों तक ऐसे लगातार लो ग्रेड फीवर रहता है तो इसका इनवेस्टीगेशन होना चाहिए. जानिए इस स्थिति में कौन-कौन सी बीमारियों का खतरा हो सकता है.


वायरल इंफेक्शन जैसे कॉमन कोल्ड या कोविड


लो ग्रेड फीवर के सबसे सामान्य कारणों में से एक वायरल इंफेक्शन हो सकता है. हालांकि ये कुछ दिनों में खत्म हो जाता है और पैरासीटामॉल से ही आराम मिल जाता है. इसमें आपको दूसरे लक्षण जैसे नाक बहना, गले में खराश, छींके आना, भूख न लगना भी हो सकते हैं.


वायरल निमोनिया


लो ग्रेड फीवर के पीछे की दूसरी वजह वायरल निमोनिया हो सकती है. इसमें व्यक्ति को बुखार के साथ ठंड लगना और खांसी हो सकता है और ये दो से तीन हफ्ते तक चल सकता है. इसमें मुख्य तौर पर पेशेंट को पैरासीटामॉल खाने और आराम करने की सलाह दी जाती है. अगर इसके बाद भी ये सेटल न हो तो डॉक्टर के परामर्श से जांच करवाएं.


यूटीआई हो सकता है


यूटीआई होने में कई बार दूसरे लक्षण नहीं होते केवल लगातार फीवर बना रहता है. कुछ लोगों को फीवर के साथ ही बहुत ठंड लगती है. दूसके कॉमन लक्षण हैं यूरीन करते समय दर्द और जलन होना और बार-बार यूरीन आना. ऐसे कोई भी लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और समय से इलाज शुरू करें.


टीबी हो सकती है वजह


हमारे देश में लो ग्रेड फीवर का बहुत बड़ा कारण टीबी भी है जिसमें तीन हफ्तों से अधिक तक हल्का फीवर रहता है. इसमें भूख न लगना, खांसी आना, खांसी में ब्लड आना, वजन कम होना, रात में पसीना आना जैसे बहुत से लक्षण मरीज को हा सकते हैं. इसके लिए भी डॉक्टर की सलाह से जांचें होने के बाद इलाज शुरू होना चाहिए. ऐसे सिम्पटम्स हों तो बिना देर करे डॉक्टर से संपर्क करें.


इनके अलावा भी लो ग्रेड फीवर के बहुत से कारण होते हैं. बेहतर होगा समय रहते डॉक्टर के पास जाएं और सही वजह का पता लगाकर सही इलाज लेना शुरू करें. कई बार छोटी दिखने वाली ये परेशानी बड़ी समस्या का रूप ले सकती है.


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