High Cholesterol Symptoms : हार्ट हमारी बॉडी का अहम पार्ट है. इसकी सेहत का ख्याल रख हम कई बीमारियों से बच सकते हैं. नसों में बैड कोलेस्ट्रॉल जमने की वजह से हमारा हार्ट बीमार हो जाता है और हार्ट अटैक का रिस्क होता है. शरीर में कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) का लेवल धीरे-धीरे बढ़ता है. एक वक्त ऐसा भी आता है, जब कोलेस्ट्रॉल शरीर में जमा हो जाता है और आंखों, हथेलियों, उंगलियों पर इसके लक्षण दिखने लगते हैं. इन्हें इग्नोर करना जानलेवा भी हो सकता है. इस तरह के कोलेस्ट्रॉल डिपॉजिट्स को एंथोमस (Xanthomas) कहा जाता है. आइए जानते हैं कोलेस्ट्रॉल शरीर के किन हिस्सों में जम जाता है...

 

आंखों के पास

एंथोमस सबसे आम तरह का कोलेस्ट्रॉल डिपॉजिट होता है. इसमें जमा होने वाले कोलेस्ट्रॉल का रंग पीला और नारंगी होता है. आंखों के आसपास और पलकों के पास इसे नोटिस किया जा सकता है.

 

हथेलियों

जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है तो हथेलियों में इसके संकेत मिल सकते हैं. हथेलियों के नीचे नसों में पीला कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है. जब भी आप कलाई और हथेलियों को फोल्ड करते हैं तो उसमें पीली मार्किंग नजर आती है.

 

हाथ-पैर की उंगलियों में

वैसे तो कोलेस्ट्रॉल शरीर के किसी भी अंग में जमा हो सकता है लेकिन हाथ-पैर की उंगिलयों के पास भी कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है. यह साफ तौर पर दिखाई देता है. इसलिए इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

 

घुटने और कोहनी

जब शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल जमा होता है तो इसके लक्षण घुटनों, कोहनी और एड़ी भी नजर आ सकता है. इस तरह के कोलेस्ट्रॉल डिपॉजिट को ट्यूबेरस एंथोमस कहते हैं. इसके अलावा शरीर के दूसरे अंगों में भी कोलेस्ट्रॉल जमा हो सकता है.

 

कोलेस्ट्रॉल कैसे कंट्रोल कर सकते हैं

अगर आप चाहते हैं कि आपकी बॉडी में कोलेस्ट्रॉल जमा न होने पाए और हमेशा फिट और हेल्दी रहें तो बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करना जरूरी होता है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक हेल्दी शख्स को 4 से 6 साल में एक बार कोलेस्ट्रॉल टेस्ट कराना चाहिए. डायबिटीज जैसी बीमारियां ज्यादा परेशान न करें इसके लिए पहले ही टेस्ट कराना चाहिए.

 

इस तरह कंट्रोल करें कोलेस्ट्रॉल

अपनी डाइट में फ्रूट्स, वेजिटेबल्स, साबुत अनाज, मछली, नट्स को शामिल करें.

जितना कोशिश हो ट्रांस फैट और सेचुरेटेड फैट्स वाले खाने से दूर रहें.

रेड मीट, प्रोसेस्ड मीट, सोडियम और शुगर वाली चीजों से परहेज करें.

हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट तक मॉडरेट इंटेंसिटी एक्सरसाइज करने की कोशिश करें.

सिगरेट, शराब से दूरी बनाकर रखें.

 

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