बच्चों का फोकस बढ़ाना है तो बदले उनके सोने का पैटर्न!
एकाग्रता में कमी से संबंधित 'हाइपरएक्टिविटी डिस्ऑर्डर' (एडीएचडी) होता है. हाल ही में आई रिसर्च के मुताबिक, इस डिस्ऑर्डर को नींद का पैटर्न ठीक कर सही किया जा सकता है.
नई दिल्लीः अक्सर देखा गया है कि बच्चे जल्दी से चीजों पर फोकस नहीं कर पाते. क्या आप जानते हैं फोकस की कमी होना एक समस्या है. जी हां, एकाग्रता में कमी से संबंधित 'हाइपरएक्टिविटी डिस्ऑर्डर' (एडीएचडी) होता है. हाल ही में आई रिसर्च के मुताबिक, इस डिस्ऑर्डर को नींद का पैटर्न ठीक कर सही किया जा सकता है. क्या कहती है रिसर्च- मडरेक चिल्ड्रेंस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एमसीआरआई) द्वारा की गई एक रिसर्च में ये बात सामने आई कि 70% ऐसे बच्चों में एडीएचडी के लक्षण पाए गए, जिन्हें नींद की कोई ना कोई समस्या थी. क्या कहते हैं एक्सपर्ट- इस रिसर्च के मुख्य शोधकर्ता मेलिस्सा मुलरेनी के अनुसार, सोने के पैटर्न को बदलकर और सोने का समय निश्चित कर एडीएचडी पीड़ित बच्चों में इस समस्या को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है. मुलरेनी का कहना है कि सामान्यतौर पर भी यदि आप अच्छी तरह से नहीं सो पाते तब भी आप एडीएचडी की शिकायत के बगैर भी अच्छी तरह से फोकस नहीं कर पाएंगे." रिसर्च में ये भी पाया गया कि जिन बच्चों में अच्छी आदतें होती है, वे रात में सोते समय बहस नहीं करते और ना सिर्फ अच्छी नींद लेते हैं बल्कि लंबे समय तक भी सोते हैं, जबकि दिन में ऐसे बच्चे ज्यादा चौकन्ने रहते हैं और कम सोते हैं. नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.
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