Dengue Symptoms In Monsoon: मानसून (Monsoon)का मौसम आते ही कमजोर इम्यूनिटी वालों की सेहत का बैंड बज जाता है. दरअसल इस मौसम में बैक्टीरिया जनित और संक्रामक बीमारियों का खतरा इस कदर बढ़ जाता है कि शरीर की इम्यूनिटी उनका मुकाबला नहीं कर पाती और लोग बीमार पड़ जाते हैं. ऐसी ही बीमारियों में शुमार है डेंगू ( Dengue)की बीमारी. बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा कहर डेंगू का होता है और अगर मरीज कमजोर है और उसके शरीर में प्लेटलेट्स गिर रहे हैं तो स्थिति जानलेवा तक हो जाती है. पहली नजर में दिखने पर डेंगू के लक्षण किसी आम बुखार की तरह होते हैं लेकिन ये तेजी से शरीर को कमजोर करता है. इसलिए जरूरी है कि डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी के संकेत या लक्षण ( Dengue Symptoms)पहले ही जान लिए जाएं ताकि समय रहते इलाज संभव हो सके. 

 

डेंगू के इन लक्षणों के प्रति रहें अलर्ट  

एक्सपर्ट कहते हैं कि डेंगू के मच्छर के काटने के एक हफ्ते के भीतर मरीज के शरीर पर डेंगू के लक्षण दिखने लगते हैं. इसलिए इनकी पहचान जरूरी है. हालांकि एक्सपर्ट कहते हैं कि डेंगू के लक्षण बिलकुल एक जैसे नहीं होते और कभी कभी ये मरीजों पर अलग अलग तरह से दिखते हैं. 

 

डेंगू होने पर मरीज को तेज बुखार आता है.बॉडी का टेंपरेचर 101 से लेकर 104 डिग्री फॉरेनहाइट तक जा सकता है. ये बुखार तीन से चार दिन तक रहता है और ऐसा होने पर मरीज को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए. 

 

तेज बुखार के साथ साथ डेंगू के मरीज को सिर में तेज दर्द होता है. मरीजों को आंख के पास और पीछे की तरफ और कनपटी के पास तेज दर्द होता है असहनीय होता है. मरीजों को दर्द के साथ साथ आंखों के अंदर भी दर्द महसूस होता है औऱ आंख खोलने में भी दिक्कत होने लगती है. 

 

डेंगू बुखार होने से कुछ दिन पहले मरीज के शरीर पर लाल दाने यानी पिंक पैचेज दिखने लगते हैं. पहले ये पेट और पीठ से शुरु होते हैं और फिर पूरे शरीर में फैल जाते हैं. ये दाने खुजली करते हैं औऱ इनमें जलन भी होती है. 

 

डेंगू के प्रारंभिक संकेतों में हड्डियों में तेज दर्द होना भी शामिल है. हड्डियों के साथ साथ मरीज की मांसपेशियों मे भी बहुत ज्यादा दर्द होता है और यहां तक कि मरीज दर्द से कराहने लगता है. इसलिए डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा गया है. 

 

अगर मरीज बुखार के साथ साथ कमजोरी और थकान महसूस कर रहा है तो ये डेंगू का एक लक्षण है. इस दौरान प्लेटलेट्स गिरने से मरीज की इम्यूनिटी कम हो जाती है और वो बहुत थकान और कमजोरी फील करता है. 

 

डेंगू बुखार के बीच में ही मरीज को नाक या मसूड़े से खून बहने लगे तो समझिए कि डेंगू घातक हो रहा है. हालांकि ये संकेत कम मरीजों में देखने को मिलता है लेकिन अगर ये दिखे तो तुरंत इमरजेंसी में कॉन्टेक्ट करना चाहिए.

 

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