E-Coli Virus: अमेरिका के कई प्रांतों में दूषित भोजन में पाए जाने वाले ई कोली वायरस की चपेट में आने से दर्जनों लोगों के बीमार होने की खबर है. कहा जा रहा है है कि कई प्रांतों में McDonald बर्गर खाने से लोग बीमार हो गए हैं. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की रिपोर्ट के मुताबिक मैकडॉनल्ड्स (McDonald’s) के क्वार्टर पाउंडर हैमबर्गर खाने वाले लोग ई कोली वायरस की चपेट में आए हैं.


फिलहाल ये वायरस कोलोराडो और नेब्रास्का  में ज्यादा फैला है लेकिन अन्य कई राज्यों में भी इसके मरीज देखे गए हैं. इस वायरस के चलते एक व्यक्ति की मौत की भी  खबर है. चलिए जानते हैं कि ई कोली वायरस क्या है,  इसके लक्षण और साथ बचाव के तरीके भी जानिए.


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क्या है ई कोली वायरस


क्या है ई कोली वायरस हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि ई कोली वायरस अधपके और दूषित भोजन के जरिए व्यक्ति को संक्रमित करता है. इस वायरस को 057:H7 स्ट्रेन नामक गंभीर बीमारी का कारण भी कहा जाता है. इससे पहले भी 1993 में अधपका बर्गर खाने से चार बच्चों की मौत हो गई थी. ई कोली वायरस का संक्रमण पेट पर असर डालता है.


ई कोली का वायरस आंत का कीटाणु कहा जाता है जो कच्ची वनस्पतियों पर चिपका रहता है. ये अक्सर कच्चे मांस, कच्ची सब्जियां, कच्चे दूध और कच्चे फलों में पाया जाता है. अगर इनको सही से धोकर साफ ना किया जाए तो ई कोली बैक्टीरिया पेट में जाकर पेट खराब कर डालता है.


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ई कोली वायरस के लक्षण और बचाव के तरीके 
ई कोली का वायरस मरीज के पाचन तंत्र को बर्बाद कर देता है. इस संक्रमण से पीड़ित होने के तीन से चार दिन के अंदर व्यक्ति के पाचन तंत्र पर इसका असर दिखता है. समय पर इलाज ना मिलने पर हालात खराब हो सकते हैं. इसमें पहले मरीज के पेट में दर्द होता है. ये दर्द बढ़ता है और मरीज को डायरिया और दस्त होने लगते हैं. इसके साथ मरीज उल्टियां करने लगता है.


ई कोली से बचाव का एकमात्र तरीका है कि भोजन और सब्जियों को अच्छी तरह साफ करके पूरी तरह पकाया जाए. अधपका और कच्चा भोजन करने से बचना चाहिए. अगर पका हुआ भोजन बच गया है तो उसे दो घंटों के भीतर ही फ्रिज आदि में रख देना चाहिए.कच्ची सब्जियां और कच्चा मांस खाने से बचे. कच्चे दूध और यहां तक कि डेयरी उत्पाद को भी खाने में सावधानी बरतें. खाना बनाने से पहले साबुन से हाथ धोएं. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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