Hepatitis A: हेपेटाइटिस ए के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक, एक अध्ययन में हेपेटाइटिस ए सीरोलॉजी में 50% से अधिक सकारात्मकता दिखी है. आंकड़े बताते हैं कि अक्टूबर में प्राप्त 145 नमूनों में से 70 से अधिक नमूने सकारात्मक पाए गए, जो नवंबर में लगभग 50% सकारात्मकता के करीब है. यह तेजी से वृद्धि विशेष रूप से अलार्म बजाती है, क्योंकि हेपेटाइटिस ए अक्सर भोजन और पानी में खराब स्वच्छता मानकों से जुड़ा होता है.


क्या कहते हैं विशेषज्ञ-


सर गंगाराम अस्पताल में लिवर ट्रांसप्लांट और हेपेटिबिलरी सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. उषास्त धीर के मुताबिक, हम केवल हेपेटाइटिस ए के कारण होने वाले तीव्र लीवर फेलियर के कई मामले देख रहे हैं. इन रोगियों के लीवर समारोह परीक्षणों में गंभीर गड़बड़ी देखी जा रही है. यह चिंताजनक है क्योंकि हम हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस ई दोनों के लिए एक स्थानिक क्षेत्र हैं.


हेपेटाइटिस ए के कारण और रोकथाम


डॉ धीर के मुताबिक, हेपेटाइटिस ए के मामलों में हालिया वृद्धि का कारण दूषित भोजन और पानी का बढ़ता सेवन हो सकता है. बाहरी खान-पान में वृद्धि, पर्याप्त सुरक्षा जांच के बिना सड़क विक्रेताओं का प्रसार और खराब भोजन और जल स्वच्छता मानकों जैसे कारक इस प्रवृत्ति में योगदान दे रहे हैं. पार्टियों, स्ट्रीट फूड और नियामक निरीक्षण की कुल कमी ने समस्या को बढ़ा दिया है. डॉ. धीर ने इस बात पर जोर दिया कि हेपेटाइटिस ए को टीकाकरण, उचित भोजन स्वच्छता और सुरक्षित जल प्रथाओं के माध्यम से रोका जा सकता है. उन्होंने सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित करने और स्ट्रीट फूड विक्रेताओं और रेस्तरांओं पर कड़ी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए सरकारी कार्रवाई की आवश्यकता को भी जाहिर किया.


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हाल में सामने आये एक केस की जानकारी देते हुए गंगा राम हॉस्पिटल की तरफ से बताया गया कि उनके पास इलाज के लिए 24 वर्षीय व्यक्ति को लाया गया. जिसके बारे में दी गई जानकारी के मुताबिक वह अचानक बहुत बीमार हो गया और पेशेंट को उच्च-ग्रेड बुखार था.  एक सामान्य व्यक्ति के रूप में, परिवार को यह समझने में कठिनाई हुई कि यह बुखार और संक्रमण है और इसका इलाज करने की आवश्यकता है. वे कुछ सामान्य दवाएं लेते हैं, लेकिन उनकी स्थिति खराब होने लगी. जिसके बाद उसको गहरा पीलिया विकसित हुआ और वह सुस्त होने लगा.


जिसके बाद पेशेंट को सर गंगाराम अस्पताल लाया गया और चिकित्सा गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी टीम द्वारा देख रेख हुई और मूल्यांकन करने पर डॉक्टर्स को पता चला कि यह पेशेंट वायरल हेपेटाइटिस ए से प्रभावित है. इस मामले में जाँच के बाद जब पता लगा तो डॉ उषास्त धर, अध्यक्ष, यकृत प्रत्यारोपण और हेपेटोबिलियर सर्जरी, सर गंगाराम अस्पताल, ने परिवार को सलाह दी कि बहुत जल्दी लीवर ट्रांसप्लांट के लिए जाने की आवश्यकता है या फिर उच्च अमोनिया स्तर के कारण, असफल होते लीवर के कारण, रोगी की मस्तिष्क मृत्यु हो सकती है या मस्तिष्क को अपरिवर्तनीय नुकसान हो सकता है.


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इस पेशेंट के केस में उसके पिता ने दानकर्ता के रूप में आगे आकर उसकी जान बचाई. केवल 12 घंटों में, दाता और प्राप्तकर्ता दोनों को सर्जरी के लिए तैयार किया गया, नैतिक मंजूरी प्राप्त की गई और एक आपातकालीन जीवित दाता लीवर ट्रांसप्लांट हाल में सफलतापूर्वक किया गया है डॉक्टर के अनुसार आज कल बहुत केस सामने आ रहे है.


हेपेटाइटिस ए से बचने के लिए जरूरी कदम


डॉ धीर ने संक्रमण से बचने के लिए कुछ ज़रूरी बातों पर ज़ोर दिया है. उन्होंने बताया कि जब भी संभव हो बाहर खाने से बचें - खासकर अस्वच्छ जगहों पर. यदि बाहर खाना अपरिहार्य है, तो अच्छी स्वच्छता बनाए रखने के लिए जाने जाने वाले प्रतिष्ठानों को चुनें. अज्ञात या संभावित रूप से उच्च जोखिम वाले स्रोतों से पानी पीने से बचें -  विश्वसनीय ब्रांडों के उबले या बोतलबंद पानी का ही सेवन करें. गर्म, ताजा तैयार भोजन का सेवन करें- वायरस अक्सर ठंडे, दूषित खाद्य पदार्थों, जैसे सड़क पर बिकने वाले स्नैक्स, गोलगप्पे, चाट और इसी तरह की वस्तुओं के माध्यम से फैलता है.


पब, रेस्तरां, क्लब और पार्टियों में पेय साझा करते समय या बर्फ के साथ पेय पदार्थ लेते समय सावधान रहें क्योंकि दूषित बर्फ को संचरण स्रोत के रूप में पहचाना गया है. हेपेटाइटिस ए के लिए टीकाकरण पर विचार करें- टीका विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं, मधुमेह रोगियों, पुरानी बीमारियों वाले व्यक्तियों और उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जिनका अंग प्रत्यारोपण हुआ है. इन सावधानियों का पालन करके एक्सपर्ट के मुताबिक हम इस संक्रमण के होने के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं.


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