Heart Beat Increases: सर्दियों (winter) में अक्सर हार्ट बीट (heart beat)बढ़ने के मामले तेज हो जाते हैं. हालांकि ये सर्दियों की आम समस्या है क्योंकि टेंपरेचर गिरने से खून गाढ़ा होने पर ब्लड सर्कुलेशन कम होता है और उससे बीपी हाई होने पर हार्ट बीट बढ़ जाती है. आमतौर पर हार्ट बीट बढ़ने की स्थिति को हार्ट रिलेटेड माना जाता है लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि हर बार ऐसा होना जरूरी नहीं है. हार्ट बीट का बढ़ने की सिचुएशन कई बार दिल की बजाय दिमाग की भी समस्या से भी जुड़ी हो सकती है. डॉक्टरों का कहना है कि मानसिक समस्या (mantel health)जिसे एंजाइटी (anxiety)कहते हैं, इसकी वजह से भी हार्ट बीट बढ़ सकती है. चलिए जानते हैं इस बारे में. 

 

क्या है एंजाइटी और इसके लक्षण
  

हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि स्ट्रेस की तरह एंजाइटी भी मानसिक समस्या के तहत आती है. जब व्यक्ति किसी बात को लेकर ज्यादा परेशान होता है तो वो उस बारे में ज्यादा सोचने लगता है और उसी से एंजाइटी होती है. एंजाइटी इस दौर में किसी को भी हो सकती है. किसी बात को लेकर तनाव के चलते ये बच्चों से लेकर बड़ों तक को अपना शिकार बना सकती है. नए जमाने में एंजाइटी के ज्यादा शिकार युवा और महिलाएं बन रहे हैं. इसमें किसी बात की चिंता होते ही हार्ट बीट तेज हो जाती है, घबराहट होने लगती है, बेचैनी होने लगती है और व्यक्ति को एकाएक पसीना आने लगता है. ऐसे में एंजाइटी चरम पर आ जाए तो व्यक्ति को पैनिट अटैक आने के रिस्क बढ़ जाते हैं. 

 

कैसे करें एंजाइटी से बचाव   

डॉक्टर कहते हैं कि एंजाइटी से बचाव संभव है. इसके लिए मेडिटेशन का सहारा लिया जा सकता है. अगर किसी बात को लेकर परेशानी है तो किसी अपने दोस्त,पार्टनर, परिवार या अन्य परिचित से बात करके मन को हल्का करना चाहिए. एंजाइटी से बचने के लिए ओवरथिंकिंग से बचना चाहिए. ध्यान को बांटने से लिए अपने शौक और हॉबीज पर टाइम स्पेंड करना चाहिए. इससे आपका मन हल्का रहेगा और आपको अच्छा फील होगा. अपने आपको फन और वर्क में बिजी रखना चाहिए. पूरी नींद लेने की कोशिश करें. अगर समस्या सही नहीं हो रही है तो बेझिझक किसी एक्सपर्ट से बात करके सलाह लेनी चाहिए.

 

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