नई दिल्ली: दुनिया कोरोना वायरस की महामारी पर जल्द से जल्द काबू पाना चाहती है. इसके लिए शोध, अनुसंधान और इलाज के दायरे को हर दिन बढ़ाया जा रहा है. इस बीच भारत और अमेरिका के वैज्ञानिकों की 11 टीम बड़े पैमाने पर कोविड-19 संबंधी शोध के लिए एक साथ आई है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) ने यह जानकारी दी है.
कोविड पर शोध के लिए भारत-अमेरिका एक साथ
दोनों देशों के वैज्ञानिक संयुक्त रूप से कोविड-19 की चुनौतियों और संभावनाओं को तलाशने की कोशिश करेंगे. उनके एजेंडे में वायरस किट, विषाणु रोधी इलाज पद्धति, मौजूदा दवाओं के कारगर उपयोग, वेंटिलेटर शोध और सेंसर आधारित कोविड-19 लक्षण की पहचान तकनीक विकसित करने पर काम करना है. DST ने बयान में कहा कि टीमों का चयन अमेरिका-भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रतिभा कोष (USISTEF) की तरफ से किया गया है. उसने अप्रैल 2020 में कोविड-19 इग्निशन अनुदान के तहत प्राप्त प्रस्तावों की कठोर द्वि-राष्ट्रीय समीक्षा प्रक्रिया के बाद चयन का फैसला लिया.
कोरोना संक्रमण के ताजा मामले 2 लाख से ज्यादा
USISTEF की स्थापना भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और अमेरिका के विदेश विभाग ने की है. जिसका मकसद विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से नवोन्मेष और उद्यमिता को बढ़ावा देना है. गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. पिछले 24 घंटों में दुनिया के 2 लाख 85 हजार लोगों को कोरोना वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया है. कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा अमेरिका, ब्राजील और भारत बुरी तरह प्रभावित देश हैं. भारत में संक्रमण के चलते मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 67 हजार हो गया है.
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