भारत के सामने वायरल हेपेटाइटिस बी एक समस्या बनी हुई है. 'वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन' के मुताबिक 2.9 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी से और 0.55 करोड़ लोग हेपेटाइटिस सी से पीड़ित हैं. पूरी दुनिया में भारत दूसरा ऐसा देश है जहां पर हेपेटाइटिस के मामले सबसे अधिक हैं.
भारत में आ रहे हैं कई मामले
साल 2022 में हेपेटाइटिस बी के 50 हजार मामले सामने आए थे. वहीं हेपेटाइटिस सी के अब तक 1.4 लाख मामले सामने आए हैं. इस बीमारी के कारण 1.23 लाख लोगों की जान चली गई. जैसे मां के जरिए यह बीमारी बच्चों में आती है. ब्लड ट्रांसफ्यूजन या इंजेक्शन शेयर करने से भी यह बीमारी फैलती है.
हेपेटाइटिस बी और सी में क्या अंतर है?
हेपेटाइटिस बी होने पर उल्टी और पीलिया के लक्षण दिखाई देते हैं. इसमें इंफेक्शन तेजी से फैलता है. साथ ही साथ लिवर खराब होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. वहीं हेपेटाइटिस सी में पीलिया और थकान दोनों होता है. इसमें इंफेक्टेड लोग असिम्प्टोमेटिक होते हैं जिसके कारण शुरुआत में इसका पता चल नहीं पाता है.
पूरी दुनिया में करोड़ों लोग इससे पीड़ित हैं
हेपेटाइटिस के कारण हर साल 1.3 मिलियन लोगों की जान चली जाती है. यह टीबी से होने वाली मौतों के बराबर है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक पूरी दुनिया में एक अनुमान के हिसाब से 304 मिलियन लोग हेपेटाइटिस बी और सी की बीमारी से जूझ रहे हैं. इस मामले को सही समय पर रोका जाए इसलिए जरूरी है कि इसे लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जाए.
भारत के मामले पर अगर गौर करें तो यहां हेपेटाइटिस बी के केवल 2.4 प्रतिशत मामलों और हेपेटाइटिस सी के 28 प्रतिशत मामलों का ही निदान किया जाता है. इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि इलाज का कवरेज काफी कम है. हेपेटाइटिस बी के लिए ट्रीटमेंट लेने वाले लोग बहुत कम है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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