Tuberculosis: 2015 की तुलना में टीबी के मामलों में आई गिरावट...मृत्यु दर भी हुआ कम
2015 के बाद से भारत में टीबी के नए मामलों में 16% और मृत्यु दर में 18% की कमी आई है. इस प्रगति का श्रेय बेहतर निदान और उपचार रणनीतियों, सार्वजनिक-निजी स्वास्थ्य सेवा सहयोग को जाता है.
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टीबी मरीजों की संख्या दिन पर दिन कम होती जा रही है, यह सब नई तकनीक और सरकार द्वारा किए गए अथक प्रयासों के कारण संभव हो रहा है. जानकारी के मुताबिक 2025 तक सरकार का टारगेट है कि इस बीमारी को खत्म किया जाए. रिपोर्ट्स में छपी आंकड़ों की बात करें तो 2015 के मुताबिक अभी तक टीबी के मामलों में 16% की कमी देखी गई है.
यही नहीं अगर बात मृत्यु दर की करें तो 18% की कमी हुई है. देश में हो रहे लगातार प्रयासों की वजह से यह सफलता हासिल हुई है. 2015 में 100,000 जनसंख्या में टीवी के मामलों की संख्या 237 थी. जो 2022 में 199 हो गई थी. वहीं मृत्यु दर 2015 के मुकाबले में 2022 में 23 प्रति लाख जनसंख्या हो गई थी. फिलहाल भारत सरकार 2025 तक टीबी की बीमारी को समाप्त करने की कोशिश में लगी हुई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा
2024 की टीबी रिपोर्ट के अनुसार भारत देश में टीबी की गिरावट देखी गई है. साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बीमारी को खत्म करने के लिए 2025 तक का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा 2023 में जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार 32% टीबी के मरीजों की संख्या कम होने के मामले सामने आए हैं. जबकि 2022 में केवल 17% तक गिरावट हुई थी. रिपोर्ट में जारी आंकड़ों से यह भी पता चला है कि पिछले नौ सालों में टीबी के मामलों की अधिसूचना में 50% से अधिक का सुधार हुआ है.
सरकार की योजना
वहीं सबसे ज्यादा उछाल टीबी की गिरावट में उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य में देखा गया है. कॉविड-19 के बाद केंद्र सरकार ने टीबी की बीमारी को लेकर राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (एनएसपी) 2017-25 में तेजी से टीबी की बीमारी को कम करने की दिशा में काम करने का निर्णय लिया था. साथ ही ₹2,781 की राशि एक करोड़ से अधिक लाभार्थी में वितरिक की गई.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है.
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