नई दिल्लीः अभी तक मां ना बनने पर महिलाओं को समाज से काफी कुछ सुनना पड़ता था लेकिन मेडिकल साइंस ने महिलाओं की अब इस परेशानी को बहुत हद तक आसान कर दिया है. इसी का नतीजा है गर्भाश्य ट्रासप्लांट. जी हां, पुणे में होने वाला भारत को पहला गर्भ ट्रांसप्लांट सफल हो गया है.

पुणे के गैलेक्सी केयर लेप्रोस्कॉपी इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल ने अब ये दावा किया है कि महिलाओं की कोख सूनी नहीं रहेगी क्योंकि गर्भाश्य ट्रांसप्लांट से महिलाएं आसानी से बच्चे को जन्म दे सकेंगी.

असल जानकारी 3 सप्ताह बाद मिलेगी-
गर्भ डोनेट करने वाली मां और जिस महिला का गर्भाश्य ट्रांसप्लांट हुआ है दोनों ही सेहतमंद है. हालांकि गर्भ ट्रांसप्लांट कितनी हद तक सफल हुआ है इसकी असल जानकारी 3 सप्ताह बाद मिलेगी. गैलेक्सी केअर लेप्रोस्कॉपी इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल के डॉक्टर्स द्वारा ये ट्रांसप्लांट 12 डॉक्टर्स की टीम की देख-रेख में किया गया.

मां ने किया अपना गर्भ डोनेट-
आपको बता दें, गर्भाश्य ट्रांसप्लांट 18 मई को पुणे के गैलेक्सी केयर अस्पताल में होना था. ये ट्रांसप्लांट वडोदरा में रहने वाली 26 वर्षीय महिला का हुआ है. इस महिला की 44 वर्षीय मां ने अपना गर्भाश्य डोनेट किया है.

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क्या है मामला-
26 वर्षीय इस महिला का चार बार एबॉर्शन हो चुका था जिसकी वजह से वो अपने बच्चों को खो चुकी है. ऐसे में इनका मां बनना मुश्किल था. तो इस महिला की मां ने अपना गर्भ बेटी को देने का फैसला किया.

राज्य सरकार ने गैलेक्सी केयर अस्पताल को कुछ ही दिनों पहले गर्भ ट्रांसप्लांट का लाइसेंस दिया है.

अब तक 25 सर्जरी-
18 मई 2017 से पहले बच्चेदानी का ट्रांसप्लांट 2012 में स्वीडन में किया गया था, जिस महिला का गर्भ ट्रांसप्लांट हुआ था वो 2014 में मां बनी. दुनियाभर में अब तक 25 ऐसी सर्जरी हो चुकी हैं जिसमें गर्भाश्य‍ ट्रांसप्लांट हुआ.

नोट: आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.