हरिद्वार:  हरिद्वार के एक युवा योगा शिक्षक ने अफगानिस्तान में शरीर, दिमाग और आत्मा के सामंजस्य के  योग को फैलाकर हलचल मचा दी है, जिसके कारण उस देश में योग समर्थकों की संख्या बढ़ गई है. 30 साल की उम्र के आसपास के गुलाम असकरी जैदी ने एक छोटे-सी अवधि में खुद को उत्तरी अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ शहर में स्थापित कर लिया है. उन्होंने युवाओं और अन्य अफगानी महिलाओं और पुरुषों के बीच योग को मशहूर बनाने में मदद की है.

लखनऊ के रहने वाले जैदी को एक साल पहले भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद ने अफगानिस्तान भेजा था. अफगानिस्तान ओलंपिक समिति की जोनल इकाई द्वारा और भारतीय वाणिज्य दूतावास ने साथ मिलकर मजार-ए-शरीफ में योग फाउंडेशन स्थापित किया, जिसमें जैदी भी शामिल हो गए. यह क्षेत्र कभी तालिबान विरोधी उत्तरी गठबंधन का केंद्र रहा था.

जैदी ने कहा कि अफगानिस्तान के लोग, विशेषकर युवा योग को लेकर उत्साहित हैं. उन्होंने कहा, "जो कारण उन्होंने इसके पीछे पता लगाया, वह कई मायनों में फायदेमंद था. लोग योग की तरफ इसलिए आकर्षित हुए, क्योंकि उन्हें स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होने के साथ-साथ आध्यात्मिक भलाई भी इसमें नजर आई."

जैदी ने कहा, "इनमें से कुछ ने दूसरे देशों में योग सिखाने और प्रसार करने में रुचि दिखाई है." उन्होंने कहा, "अपने आप चारों ओर से युद्ध और विवाद से घिरा देख, उन्होंने योग को सुखदायक पाया है."