Disease Spread by Mosquitoes: मच्छर ऐसी कई बीमारियां फैला सकते हैं, जो जानलेवा साबित हो सकती हैं. ऑस्ट्रेलिया की न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च में ये सामने आया है कि दुनियाभर में हर साल करीब 5 लाख लोगों की मौत मच्छरों के फैलाए संक्रमण की वजह से हो जाती है. यह सिर्फ मौत का आंकड़ा है, इसे देखकर ही आप समझ सकते हैं कि बीमार होने वाले लोगों की संख्या कितनी बड़ी होगी! यहां जानें किन 11 घातक बीमारियों का संक्रमण फैलाते हैं मच्छर...


कौन से रोग फैलाते हैं मच्छर?


1. मलेरिया


2. डेंगू


3. चिकनगुनिया


4. येलो फीवर


5. जीका वायरस


6. वेस्ट नेल वायरस


7. जैपनीज इनसाफेलाइटिस 


8. लिंफैटिक फिलराइसिस (लसीका फाइलेरिया)


9. रॉस रीवर फीवर


10. ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस


11. सेंट लुइस  इंसेफेलाइटिस


क्या हैं इन बीमारियों के लक्षण?



  • मलेरिया किसी अन्य बुखार की तरह ही शुरू होता है और इसमें सिरदर्द, ठंड लगना और उल्टी जैसी समस्याएं होती हैं.

  • डेंगू के दौरान जोड़ों में दर्द, प्लेटलेट्स का कम होना, तेज बुखार, सिरदर्द जैसी समस्याएं होती हैं.

  • चिकनगुनिया के लक्षण भी डेंगू की तरह ही होते हैं. इसमें शरीर पर रैशेज, मितली आना और बहुत अधिक थकान लगना शामिल हैं.

  • येलो फीवर के दौरान रोगी को पीलिया यानी जॉन्डिस हो जाता है. तेज बुखार, पेट दर्द की समस्या होती है. 

  • जीका वायरस के लक्षण भी डेंगू से काफी मिलते हैं. इस फीवर के दौरान आंखों में समस्या होना (आंख आना) थकान, शरीर तपना, त्वचा पर रैशेज इत्यादि परेशानियां होती हैं.

  • वेस्ट नेल वायरस से पीड़ित रोगी को तेज सिर दर्द के साथ गर्दन दर्द की समस्या होती हैं. जैसे नेक मूवमेंट में समस्या होना, गर्दन अकड़ जाना, कंपकंपी आना, पैरालिसिस अटैक यहां तक कि रोगी कोमा में भी जा सकता है.

  • जापानी बुखार के दौरान व्यक्ति को तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द की समस्या तो होती है. इसमें नजर न आनेवाले घातक लक्षण भी होते हैं, जैसे दिमाग में सूजन और व्यक्ति का कोमा में जाना.

  • लिंफैटिक फिलराइसिस के दौरान शरीर के अंगों में सूजन आ जाती है और ये मोटे हो जाते हैं, जिस कारण मूवमेंट प्रभावित होता है, साथ में थकान, बुखार, भूख संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.

  • रॉस रीवर फीवर की समस्या आमतौर पर छोटे बच्चों में होती है. लेकिन कई बार टीनेजर्स और वयस्क भी इसकी चपेट में आ जाते हैं. इस बीमारी में शरीर में दर्द, थकान, रैशेज, बुखार, ठंड लगना जैसी समस्याएं होती हैं.

  • ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस की समस्या संक्रमित मच्छर के काटने के 4 से 10 दिन बाद शुरू होती है. इस बीमारी में तेज बुखार के साथ कंपकंपी आना, चीजों को समझने में समस्या होना, दौरे पड़ना और दिमाग में सूजन होना शामिल हैं.

  • सेंट लुइस इंसेफेलाइटिस का संक्रमण होने पर रोगी को बहुत अधिक थकान, मितली आना और फीवर आने से रोग की शुरुआत होती है. इस दौरान समय पर इलाज ना मिले तो स्थिति गंभीर होती चली जाती है. इसलिए रोगी को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 


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