हाल ही में हुए रिसर्च के मुताबिक इंटरमिटेंट फास्टिंग के बाद प्रोटीन पेसिंग डाइट खाने से तेजी से वजन घटने लगता है. रिसर्चर ने पाया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग और प्रोटीन खाने से आंत हेल्दी रहता है और माइक्रोबायोम में भी काफी ज्यादा सुधार आता है.
इससे पाचन भी सही रहती है. साथ ही साथ पेट से जुड़ी परेशानियों से भी निजात मिलती है. 'नेचर कम्युनिकेशंस' में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक 41 प्रतिभागियों को इस रिसर्च में शामिल किया गया. जिनका वजन काफी अधिक था. उन्हें 8 सप्ताह तक इस तरह के डाइट दिए गए.
इस रिपोर्ट में प्रतिभागियों को दो समूहों में विभाजित किया गया
इंटरमिटेंट फास्टिंग और प्रोटीन पेसिंग आहार: एक दिन में चार बार खाना खाना चाहिए. जो हर 4 घंटे के गैप पर होना चाहिए. इसमें 35% कार्बोहाइड्रेट, 30% वसा और 35% प्रोटीन होता है. हर दिन खाने में 25-50 ग्राम प्रोटीन होता है. इसमें शामिल हर व्यक्ति सप्ताह पांच से छह दिन इस डाइट को फॉलो करता था.
कैलोरी से भरपूर डाइट
इस डाइट में 41% कार्बोहाइड्रेट, 38% फैट और 21% प्रोटीन से भरपूर कैलोरी वाली डाइट को शामिल किया गया. इस डाइट को फॉलो करने से हार्ट हेल्दी भी रहता है. फैट, कार्बोहाइड्रेट, सोडियम, चीनी की कुल खपत को कम कर दिया और बेसलाइन स्तरों से लगभग 40% (लगभग 1000 कैलोरी प्रतिदिन) कैलोरी का सेवन कम कर दिया. दोनों समूहों के शरीर के वजन, शारीरिक संरचना, आंत माइक्रोबायोम और अन्य बायोमार्करों में परिवर्तन के लिए 8 सप्ताह तक निगरानी की गई.
इंटरमिटेंट फास्टिंग और प्रोटीन पेसिंग ने अकेले कैलोरी प्रतिबंध की तुलना में आंत माइक्रोबायोम को काफी प्रभावित किया. ऐसे डाइट को खाने से आंत में पाई जाने वाली हेल्दी बैक्टीरिया शरीर के लिए बहुत अच्छा साबित हुआ. आईएफ और प्रोटीन पेसिंग प्रोटोकॉल ने ब्लड में प्रोटीन भी बढ़ाया जो वजन घटाने के साथ-साथ वसा चयापचय को बढ़ाने में अच्छा साबित हुआ हैं. इससे वजन घटाने और शरीर की संरचना में सुधार देखा गया.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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