International Tea Day 2020: जानिए क्यों मनाया जाता है इंटरनेशनल टी डे, चाय से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ भी जानें
भारत में चाय के आगमन को लेकर कहा जाता है कि 1824 में बर्मा या म्यांमार और असम की सीमांत पहाड़ियों पर चाय के पौधे पाए गए थे. अंग्रेजों ने 1836 मे भारत में चाय का उत्पादन शुरू किया. पहले खेती के लिए चीन से बीज मंगवाए जाते थे लेकिन बाद में असम चाय के बीजों का इस्तेमाल किया जाने लगा.
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आज अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस ( International Tea Day) मनाया जा रहा है. यह दिन चाय और चाय प्रेमियों को समर्पित है. अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस हर साल 15 दिसंबर को मनाया जाता है. इस दिन को सेलिब्रेट करे उद्देश्य दुनिया भर में चाय के व्यापार पर और चाय बागानों में श्रमिकों और उत्पादकों पर वैश्विक ध्यान आकर्षित कराना है.
15 दिसंबर 2005 से हुई शुरूआत
बता दें कि दुनिया के पांच प्रमुख चाय उत्पादक देश चीन, भारत, केन्या, वियतनाम और श्रीलंका के अलावा इंटरनेशनल टी डे मलावी, तंजानिया, बांग्लादेश, यूगांडा, इंडोनेशिया और मलेशिया में भी मनाया जाता है. गौरतलब है कि साल 2004 में भारत के मुंबई शहर में व्यापार संघों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की बैठक में 15 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाने का फैसला लिया गया. पहली बार 15 दिसंबर 2005 को इंटरनेशन टी डे सेलिब्रेट किया गया था.
चीन में की गई थी पहली बार चाय की खेती
चाय दुनिया भर में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाले पेय पदार्थों में से एक है. यही वजह है कि हर किसी का चाय बनाने का अपने एक अलग तरीका भी होता है. किसी को अदरक और इलायची की चाय भाती है तो किसी को कम दूध और किसी को ज्यादा दूध वाली चाय पसंद होती है. कई लोग ब्लैक टी पसंद करते हैं. चाय एक ऐसा पेय है जो कैमेलिया सिनेंसिस के पत्तों से बनता है, जो एशियाई महाद्वीप के लिए एक झाड़ी है. इसकी खेती पहली बार चीन में की गई थी, इसे लेकर एक कहानी प्रचलित है कि एक बार सम्राट शेनॉन्ग अपने बगीचे में बैठे हुए गर्म पानी पी रहे थे. इसी दौरान एक पेड़ की पत्ती उनके उबलते हुए पानी के कप में गिर गई जिसकी वजह से पानी का रंग बदल गया और महक भी आने लगी. सम्राट ने जब इस पानी को चखा तो उन्हें उसका स्वाद बेहद पसंद आया और इस प्रकार चाय का अविष्कार हुआ.
भारत में चाय का आगमन कब हुआ?
वहीं भारत में चाय के आगमन को लेकर कहा जाता है कि 1824 में बर्मा या म्यांमार और असम की सीमांत पहाड़ियों पर चाय के पौधे पाए गए थे. अंग्रेजों ने 1836 मे भारत में चाय का उत्पादन शुरू किया. पहले खेती के लिए चीन से बीज मंगवाए जाते थे लेकिन बाद में असम चाय के बीजों का इस्तेमाल किया जाने लगा. भारत में चाय का उत्पादन मूल रूप से ब्रिटेन के बाजारों में चाय की डिमांड को पूरा करने के लिए किया गया था. आज भारत में चाय सबसे लोकप्रिय और सस्ता पेय पदार्थ है.
चाय से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ
चाय में कई स्वास्थ्य लाभ भी पाए गए हैं, दुनिया भर में किए गए कई अध्ययनों में इस बात की पुष्टि भी हुई है. पोषक रूप से चाय में प्रोटीन, पॉलीसेकेराइड, पॉलीफेनोल, खनिज और ट्रेस तत्व, अमीनो और कार्बनिक एसिड, लिग्निन, और मिथाइलक्सैन्थिन (कैफीन, थियोफिलाइन, और थियोब्रोमाइन) पाए जाते हैं. चाय के स्वास्थ्य लाभ फाइटोकेमिकल्स से आते हैं जो हमारे शरीर में शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हैं.
चाय में पाए जाने वाले कुछ एंटीऑक्सीडेंट हैं:
फ्लेवन-3-ऑलस-कैटेचिन और एपिक्टिंस ग्रीन टी में सबसे प्रचुर मात्रा में होते हैं
फेनोलिक एसिड- ब्लैक टी में गैलिक एसिड और थेओग्लिन अधिकतम मात्रा में मौजूद होते हैं
फ्लेवोनोल्स और फ्लेवोनस- क्वेरसेटिन, मायरिकेटिन, केम्पफेरोल सफेद, हरे, ऊलोंग और काली चाय में पाया जाता है.
थायफ्लैविंस और थायरुबिगिन्स
प्यू-एरेह चाय में थायरब्रोनिंस सबसे सक्रिय यौगिक है
चाय के प्रकार और उनसे मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ
1-व्हाइट टी- व्हाइट टी शुद्ध और सभी चायों में सबसे कम प्रोसेस्ड होती है. व्हाइट टी में अन्य चाय की तुलना में कैटेचिन और पॉलीफेनोल ज्यादा मात्रा में होता है, जिसका अर्थ है कि इसमें शक्तिशाली एंटी इंफ्लॉमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण भरपूर मात्रा में होते हैं. एंटीऑक्सिडेंट, ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं और हाइपरलिपिडिमिया पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं
2-गीन टी- ग्रीन टी सबसे फेमस और एशिया में खासी पसंद की जाती है. इसे वजन कंट्रोल करने में भी काफी कारगर माना जाता है. सभी चायों में से ग्रीन टी कैटेचिन और एपिक्टिंस का सबसे अच्छा स्रोत है. ग्रीन टी शायद सभी चायों में से सबसे अधिक रिसर्च भी की जाती है और इसकी वजह यह है कि इसमे सबसे ज्यादा स्वास्थ्य गुण होते हैं. यह स्तन, बृहदान्त्र, अंडाशय, गले, फेफड़े, पेट और प्रोस्टेट के कैंसर से बचाता है. 11 साल तक 40,000 जापानी पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया था कि जिन लोगों ने कम से कम 5 कप ग्री टी पी थी उनमें हृदय संबंधी बीमारियों से मरने का जोखिम काफी कम था.
3- पीली चाय- पीली चाय में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स स्किन की हेल्थ में सुझार करते हैं और उसे यंगर लुक देते हैं. इसके अलावा भी पीली चाय स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है.
4- काली चाय-काली चाय की पत्तिया,प्राकृतिक एंजाइमों द्वारा ऑक्सीकरण के कारण पूर्ण किण्वन द्वारा निर्मित होती है. इस बात के प्रमाण बढ़ते जा रहे हैं कि काली चाय में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट विशेष रूप से महिलाओं में धमनियों में रुकावट को कम कर सकते हैं और दिल के दौरे के जोखिम को कम करने में भी फायदेमंद हो सकते हैं.
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