डॉक्टर्स के मुताबिक, यदि इंट्रागैस्ट्रिक बैलून (माइक्रो सर्जरी से पेट के अंदर बैलून रखना) के बारे में जागरूकता बढ़ती है, तो यह मोटापे की शिकार महिलाओं के बढ़ते मामलों के लिए सर्जरी की जगह एक समाधान बन सकता है. इंट्रागैस्ट्रिक बैलून को सिलिकॉन बैलून के नाम से भी जाना जाता है.
अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल के बेरियाट्रिक सर्जरी स्पेशलिस्ट आशीष भनोट ने कहा कि इंट्रागैस्ट्रिक बैलून वजन घटाने में सहायक इक्यूपमेंट है. जब इसे लाइफस्टाइल और हेल्दी डायट के साथ अपनाया जाता है, तो यह काफी प्रभावी हो जाता है. सामान्य तौर पर यह तरीका शरीर के कुल वजन का 15 से 20 फीसदी तक कम करने में मदद करता है."
भनोट ने कहा कि महिलाओं द्वारा बेरियाट्रिक सर्जरी की जगह सिलिकॉन बैलून पसंद करने का एक अहम कारण इसमें न के बराबर चीर-फाड़ का होना है.
जानकारों के अनुसार गैस्ट्रिक बैलून को पेट में 6 से 12 महीने के लिए डाला जाता है. इसके लिए पहले छह महीने तक हर महीने डॉक्टर से मिलना होता है, इसके बाद दो महीनों में एक बार डॉक्टर के पास जाना पड़ता है.