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जानें, काला नमक सेहत के लिए ज्यादा बेहतर है या सफेद नमक
नमक कई तरह के होते हैं लेकिन सबसे प्रचलित काला नमक और सफेद नमक है. जानें, दोनों में से कौन सा ज्यादा बेहतर है.
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नई दिल्लीः भारतीय व्यंजनों में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाले सफेद नमक को एक मसाले के तौर पर जाना जाता है जबकि काले नमक को कुछ मौकों पर कई व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन क्या काला नमक नियमित नमक से बेहतर है? जानें, आपको रोजमर्रा में कौन सा नमक इस्तेमाल करना चाहिए.
बाजार में काला नमक कई तरह का आता है लेकिन हिमालयी काला नमक सबसे आम है. हिमालयन नमक को सेंधा नमक कहते हैं जो हिमालय की नमक खानों से आता है. इसका चिकित्सीय गुणों के कारण आयुर्वेदिक दवाओं में पहली बार उपयोग किया गया था. हालांकि हम इसे काला नमक कहते हैं, लेकिन नमक का रंग गुलाबी-भूरा होता है.
हिमालयन काले नमक को काला नमक कहा जाता है, जिसमें औषधीय गुण होते हैं. इसका तीखा और नमकीन स्वाद है और आमतौर पर इसका उपयोग भारतीय व्यंजनों को पकाने के दौरान किया जाता है.
काला नमक और सफेद नमक के दिखने में जैसे बहुत अंतर हैं वैसे ही उनके स्वाद में भी बहुत अंतर होता है.
- काला नमक उच्च तापमान पर जड़ी बूटियों, बीजों और मसालों का मिश्रण होता था लेकिन आज काला नमक भी सोडियम क्लोराइड, सोडियम सल्फेट, सोडियम बाइसुलफेट और फेरिक सल्फेट के संयोजन से आर्टिफिशियल रूप से बनाया जाता है. फिर इस मिश्रण को चारकोल के साथ मिलाया जाता है और अंतिम उत्पाद बनाने के लिए गर्म किया जाता है.
- वहीं सफेद नमक जो आप हर दिन उपयोग करते हैं, अत्यधिक संसाधित और परिष्कृत होता है और इसमें मौजूद अधिकांश ट्रेस खनिज हटा दिए जाते हैं. काले नमक में नियमित नमक की तुलना में कम सोडियम होता है. ऐसे में उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए काला नमक अच्छा है.
- काला नमक खरीदते समय सोडियम सामग्री की जांच करना न भूलें क्योंकि सोडियम में कुछ किस्में अधिक हो सकती हैं.
- काला नमक कम प्रसंस्करण से गुजरता है वहीं सफेद नमक में गांठ बनने से रोकने के लिए इसमें में एंटी-काकिंग एजेंट मिलाया जाता है. ये एंटी-काकिंग एजेंट आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं.
- कुछ सफेद नमक की किस्मों में पोटेशियम आयोडेट और एल्यूमीनियम सिलिकेट जैसे हानिकारक योजक भी हो सकते हैं. हालांकि, सभी एडिटिव्स खराब नहीं हैं. जैसे, सफेद नमक में पाए जाने वाला आयोडीन की कमी को दूर करने में मदद करता है.
- यह दावा किया जाता है कि हिमालयी काले नमक में सफेद नमक की तुलना में अधिक खनिज होते हैं. यह पाचन में सुधार, गैस और सूजन से राहत देने के लिए भी जाना जाता है. काला नमक खनिज सामग्री के कारण, काली त्वचा और बालों के स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है.
- ये भी कहा जाता है कि काले नमक में खनिज आसानी से अवशोषित नहीं होते हैं क्योंकि वे अघुलनशील होते हैं. इसके अलावा, बाजार में उपलब्ध काला नमक कभी-कभी आर्टीफिशियल रूप से बनाया जाता है. लेकिन क्योंकि काले नमक में नियमित नमक की तुलना में कम योजक होते हैं, इसलिए यह बेहतर विकल्प हो सकता है.
- मॉडरेशन में नमक का उपभोग करना सबसे अच्छा है, चाहे वह किस प्रकार का हो. किसी भी व्यक्ति को 2,300 मिलीग्राम से अधिक यानि एक दिन में एक चम्मच नमक से अधिक का उपभोग नहीं करना चाहिए.
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