ताजा रिसर्च में पाया गया है कि गाउट का इलाज के लिए इस्तेमाल की जानेवाली एक दवा कोविड-19 से भी लड़ सकती है. प्रोबेनेसिड दवा फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से उस स्थिति का इलाज के लिए स्वीकृत है जिससे जोड़ का दर्द होता है. यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया के शोधकर्ताओं की तरफ से प्रकाशित रिसर्च में पता चला कि दवा कोरोना वायरस जैसे वायरस के सेल्स की नकल और संक्रमण को रोकने में भी सक्षम है.
गाउट की दवा क्या कोविड-19 से लड़ाई में है प्रभावी?
वर्तमान में वायरस के खिलाफ सीमित इलाज उपलब्ध हैं, और संभावित इलाज के तौर पर कई दवाओं के असर को जांचा गया है. दवा एक शख्स के सेल्स पर कब्जा कर वायरस के सेल्स को रोकने का काम करती है. ये शरीर में वायरस को फैलने में सक्षम होने से रोकती है और इसलिए गंभीर रूप से बीमार पड़ने वाले व्यक्ति की रुकावटों को सीमित करती है. बाजार में ऐसा करने की क्षमता रखनेवाली बहुत सारी दवाएं नहीं हैं, सिवाय उसके जिसका इस्तेमाल वर्तमान में कोविड के लिए किया जाता है.
नेचर पत्रिका में नतीजों को प्रकाशित करनेवाले शोधकर्ताओं का मानना है कि प्रोबेनेसिड दूसरे वायरस जैसे सामान्य जुकाम के साथ-साथ फ्लू से लड़ सकती है. शोधकर्ता डॉक्टर राल्फ ट्रिप ने बयान में कहा, "आधार रेखा ये है कि आप संभावित तौर पर इस एक ओरल दवा का इस्तेमाल करते हुए बीमारी और संक्रमण को कम कर सकते हैं." कोविड-19 का इलाज के लिए अस्पताल में इस्तेमाल की जानेवाली ज्यादातर दवाएं मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज हैं. हालांकि दवाएं विवादास्पद हैं, क्योंकि कुछ लोगों को उसके असर पर शक है.
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प्रोबेनेसिड दवा फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन है स्वीकृत
शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि प्रोबेनेसिड का इस्तेमाल संक्रमण की प्रक्रिया में जल्दी किया जा सकता है, कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के बुरी तरह बीमार पड़ने से ठीक पहले. ट्रिप ने बताया कि इन उपचारों से कोरोना वायरस के खिलाफ कुछ प्रभावशीलता देखा गया है, लेकिन ये बहुत महंगे हैं. वास्तव में मात्र कुछ ही विकल्प हैं जिसका लागत के कारण इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन ये दुनिया के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद नहीं है. प्रोबेनेसिड को 1979 में अमेरिकी एजेंसी ने मंजूरी दी और आम तौर पर गाउट के मरीजों का इलाज के लिए किया जा रहा है. यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया के शोधकर्ताओं ने रिपोर्ट की कि दवा के सीमित साइड-इफेक्ट्स हैं, और इस्तेमाल के लिए सुरक्षित होना चाहिए.