Health Tips: भारत में मौसम बहुत तेजी से बदलता रहता है. गर्मियों के बाद मानसून आता है, फिर पतझड़ का मौसम आता है और उसके बाद ठंड का.इन मौसम परिवर्तन के साथ कई बार हमारा स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है. गर्मी, बरसात और सर्दी - सभी मौसम में कुछ न कुछ बीमारियां आम हो जाती हैं. इसलिए मौसमी बदलाव के अनुसार अपने आहार और जीवनशैली में बदलाव लाना बहुत जरूरी हो जाता है. और हमें अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. गर्मियों के बाद जैसे ही सर्दियां आती हैं, तो अकसर लोगों को नजला, खांसी, बुखार जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. जिसका असर हमारे फेफड़ो पर पड़ता है. क्योंकि अचानक मौसम में बदलाव के कारण लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है और खांसी से फेफड़े कमजोर होने लगते हैं. ऐसे में खुद को इन मौसमी बीमारियों से बचाना बेहद ज़रूरी हो जाता है. चलिए हम आपको बताते हैं कुछ आसान से व्यायाम जिन्हें करने से आप बदलते मौसम का सामना आसानी से कर सकते हैं.
रिब स्ट्रेचिंग
- सीधे खड़े हों या बैठें. हाथ सामने सीने पर रखें.
- गहरी सांस लें और हाथों को सिर के पीछे ले जाएं, इससे छाती का विस्तार होगा.
- 5 सेकंड तक इस पोजीशन में रहें.
- फिर सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे की ओर लाएं.
- धीरे-धीरे सामान्य पोजीशन में आएं.
- यह प्रक्रिया 10-15 बार दोहराएं.
- शुरुआत में 5-10 बार करें, फिर बढ़ाएं.
- रोजाना अभ्यास से फेफड़ों की क्षमता बढ़ेगी.
बैली ब्रीदिंग
- सीधे खड़े हो जाएं या बैठ जाएं.
- धीरे-धीरे गहरी सांस लें ताकि पेट फूल जाए.
- पेट को फूला हुआ रखते हुए सांस को बाहर निकालने का प्रयास करें.
- ऐसा 5-10 सेकेंड तक करते रहें.
- फिर सांस को छोड़ दें और सामान्य रूप से सांस लेना शुरू कर दें.
- इसे लगातार 10-15 बार दोहराएं.
- धीरे-धीरे दोहराने की संख्या बढ़ाएं.
- रोजाना अभ्यास से फेफड़ों की क्षमता में सुधार होगा.
पर्सेड लिप्स ब्रीदिंग
- सीधे खड़े हों या बैठ जाएं.
- अपने होंठों को सिकोड़ें जैसे कि आप सूंघ रहे हों.
- फिर धीरे-धीरे साँस लें और अपने होंठों से हवा बाहर निकालने का प्रयास करें.
- मुंह से निकलती हुई हवा की आवाज सुनाई देनी चाहिए.
- यह 5-10 सेकेंड तक करें. फिर रिलैक्स करें.
- इसे 10-15 बार दोहराएं और धीरे-धीरे बढ़ाएं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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