Copper Utensils In Winter : तांबे के बर्तन का इस्तेमाल अक्सर ही स्वास्थ्य से जोड़कर देखा जाता है. अक्सर अपने घर के बड़े बुजुर्गों को कहते हुए सुना होगा कि तांबे के बर्तन में पानी पीने से कई तरह के फायदे होते हैं. अब सवाल यह है कि क्या सर्दियों के मौसम में भी तांबे के बर्तन का इस्तेमाल करना चाहिए? इसका जवाब आयुर्वेद में साफ-साफ बताया गया है.


दरअसल आयुर्वेद के मुताबिक सर्दियों में तांबे के बर्तन का इस्तेमाल करने से शरीर में सर्दियों के कारण होने वाली कई बीमारियां दूर होती हैं. पानी की तासीर गर्म होती है. साथ ही यह संक्रमण को खत्म करने में सहायक होता है. इसलिए सर्दियों के दिनों में तांबे के बर्तन का इस्तेमाल करना चाहिए आइए जानते हैं इससे सेहत को क्या-क्या फायदे हो सकते हैं.


जोड़ों के दर्द में फायदेमंद: सर्दियों में एक समस्या है जिससे सभी को गुजारना पड़ता है वह है हड्डियों और जोड़ों का दर्द. ऐसे में तांबे के बर्तन में पानी पीने से यह दर्द दूर किया जा सकता है. तांबे में anti-inflammatory गुण होते हैं. इस वजह से यह दर्द को दूर करने में सहायक होते हैं.


गठिया में फायदेमंद: सर्दियों में गठिया का दर्द भी बहुत सताता है. ऐसे में गठिया के मरीज को सुबह सवेरे तांबे के बर्तन में पानी पीना चाहिए. इससे जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है. इम्यूनिटी भी मजबूत होती है और कई सारी बीमारियों से लड़ने की शरीर की क्षमता बढ़ती है.


आयरन की कमी दूर करे: तांबे के बर्तन में खाना खाने से या पानी पीने से आपको आयरन के अवशोषण और कोशिकाओं के निर्माण में सहायता मिलती है.


दिल की समस्या को दूर रखे: तांबा शरीर के खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित करता है. इसमें ऐसे गुण पाए जाते हैं, तभी तो ये हृदय रोग को दूर करने में काफी मददगार है.


त्वचा के लिए फायदेमंद: तांबे का बर्तन इस्तेमाल करने से शरीर में मेलानिन बनने लगता है. इसके अलावा कॉपर नई कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है. इससे त्वचा की ऊपरी परत और बेहतर बनती है.


पाचन दुरुस्त रखे: तांबे के बर्तन के समाज से आपकी पाचन क्रिया भी दुरुस्त हो जाती है, क्योंकि तांबा बैक्टीरिया को कम करने का काम करता है. आपके पेट को साफ करने का काम करता है. लिवर और किडनी के काम को नियंत्रित करता है.


तांबे के बरतन में क्या खाने की मनाही होती है


तांबे के बर्तनों में दूध या दूध से बनी चीज़ें नहीं खानी चाहिए. इसके साथ ही खट्टी चीज़ें या खट्टे फलों के जूस को नहीं पिना चाहिए..इससे फूड पॉयजनिंग की संभावना बढ़ जाती है.