Heart Attack Sign: दिल (Heart health) की सेहत को दुरुस्त रखना आज के दौर में सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है. भागती दौड़ती लाइफ में तनाव,कामकाज का बोझ और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के चलते दिल खतरे में आ गया है. हार्ट अटैक (Heart attack)आज के दौर में एक तेजी से बढ़ता खतरा बन गया है जिसका शिकार कोई भी हो सकता है. लोग इस बात की शिकायत करते हैं कि हार्ट अटैक अचानक आता है औऱ इसका पता नहीं चलता. कई लोग कहते हैं कि टेस्ट (Test for heart attack)करवाने से पता चल जाता है कि हार्ट अटैक कब आने वाला है. क्या वाकई ये सच है. अगर हां तो चलिए इसके बारे में जानते हैं.
कई टेस्ट देते हैं हार्ट अटैक के संकेत
डॉक्टर कहते हैं कि दिल का दौरा पड़ने से पहले कुछ टेस्ट से जरिए ये पता लगाया जा सकता है कि हार्ट अटैक पड़ने वाला है या नहीं. कुछ टेस्ट और ब्लड टेस्ट आने वाले समय में हार्ट अटैक की संभावना के बारे में बता सकते हैं. दिल का दौरा आने से पहले भी शरीर कई तरह के संकेत देता है जैसे,सीने में बाईं तरफ दर्द होना, बाएं कंधे और जबड़े में दर्द होना, सांस लेने में तकलीफ होना, नींद की कमी, उल्टी और मतली महसूस होना, हार्ट बीट बढ़ जाना.
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सीआरपी टेस्ट भी है फायदेमंद
ब्लड टेस्ट को ट्रोपोनिन टेस्ट कहा जाता है. इसमें बॉडी में ट्रोपोनिन का लेवल मापा जाता है, इसके ऊपर उठते लेवल से पता चलता है कि दिल के ऊतकों को नुकसान पहुंच रहा है और दिल का दौरा पड़ सकता है. ईसीजी यानी इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम भी हार्ट अटैक के संकेत दे सकता है.इस टेस्ट में मशीन के जरिए दिल के विद्युत संकेतों को मापा जाता है.
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अगर संकेत ऊपर नीचे आ रहे हैं तो दिल का दौरा पड़ने की संभावना व्यक्त की जाती है. सीआरपी टेस्ट में आर्टरीज की सूजन का पता लगाया जाता है. वहीं अगर लिपोप्रोटीन का स्तर ज्यादा है तो स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ने का संकेत दिया जाता है. कोरोनरी एंजियोग्राफी एक्सरे और मशीन के जरिए दिल में ब्लड के फ्लो को मापा जाता है. इससे पता चलता है कि ब्लड कहां रुक रहा है और उसके बहाव की रफ्तार कितनी है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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