Tampons And Virginity : महिलाएं हर माह मेंस्ट्रुअल पीरियड (periods)से गुजरती है. मेंस्ट्रुअल पीरियड पहले सेनेटरी नैपकिन यूज होते थे लेकिन टैंपोन (tampon)का जमाना आने के बाद ज्यादातर महिलाएं इसे प्रेफर करने लगी हैं. टैंपोन दरअसल एक तरह के मेंस्ट्रुअल कप हैं जो हाइजीन के मामले में सेनेटरी नैपकिन से काफी बेहतर साबित हुए हैं. आजकल कॉटन और रैयान से बने टैंपोन (tampon use)काफी पॉपुलर हो रहे हैं. लेकिन इनको लेकर महिलाओं में अभी भी काफी मिथक (tampon myths) फैले हुए हैं.
टैंपोन के इस्तेमाल से लेकर उसके आफ्टर इफेक्ट तक, ऐसे कई मिथक हैं जिनके डर से महिलाएं इसे इस्तेमाल करने से बच रही हैं. ऐसा ही एक मिथक है कि टैंपोन यूज करने से हाइमन ब्रेक हो जाता है और वर्जिनिटी लूज हो सकती है. इस डर से अधिकतर महिलाएं इसे यूज करने से डरती है. चलिए जानते हैं कि इस मिथक का सच क्या है.
क्या वाकई टैंपोन यूज करने से वर्जिनिटी ब्रेक हो जाती है?
कई लोग ये सोचते हैं कि टैंपोन यूज करने से हाइमन खिंच कर ब्रेक हो जाता है और इससे वर्जिनिटी लूज हो जाती है. हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि ये बिलकुल गलत है. टैंपोन यूज करने से योनि के आकार में किसी तरह का बदलाव नहीं होता है. इससे हाइमन पर बिलकुल असर नहीं होता है. टैंपोन यूज करने से हाइमन में हल्का खिंचाव आता है ताकि योनि से निकलने वाला ब्लड लीक ना हो. लेकिन इससे हाइमन पर प्रेशर नहीं पड़ता, इसलिए हाइमन का ब्रेक होना बिलकुल बेमानी बात है.
हाइमन के टूटने से वर्जिनिटी लूज होने का नहीं है कोई कनेक्शन
दरअसल टैंपोन योनि से ब्लीडिंग रोकने के लिए एक आसान प्रोटेक्शन है. ये आकार में इतना छोटा होता है कि वेजाइनल ओपनिंग में पूरी तरह फिट हो जाता है और ब्लड बाहर निकलने की बजाय इसमें स्टोर होता रहता है. आमतौर पर टैंपोन फाइबर, कॉटन और रेयान फाइबर जैसे मटेरियल से बनते हैं और ये स्किन को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.
इससे हाइमन को बिल्कुल नुकसान नहीं पहुंचता. दूसरी तरफ हेल्थ एक्सपर्ट ये भी कहते हैं कि हाइमन का टूटना और वर्जिनिटी ब्रेक होना अलग अलग बात है. हाइमन योनि के भीतर एक बेहद पतली झिल्ली है जो कई बार हार्ड एक्सरसाइज, साइकिलिंग, क्लिंबिंग करते वक्त भी टूट सकती है. हाइमन के ब्रेक होने का वर्जिनिटी लूज होने से कोई कनेक्शन नहीं है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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