Period Myths And Facts: पीरियड्स एक नैचुरल प्रोसेस है जिसे हर महिलाओं-लड़कियों के एक उम्र के बाद गुजरना पड़ता है. पीरियड्स से जुड़ी कई मिथ जुड़े हुए हैं. जिसके कारण महिलाओं की जिंदगी में अंधकार रखती है. पीरियड्स को लेकर जब भी कोई बात आती है तो सोने, रसोई में न जाना, बाल धोने को लेकर कई नियम कानून बताए जाते हैं.


भारत के कुछ हिस्सों सहित विभिन्न संस्कृतियों में यह माना जाता है कि महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान तुलसी के पौधे को छूने या पानी देने से बचना चाहिए. यह प्रथा पीढ़ियों से चली आ रही है और सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं में निहित है.


यह सभी बातों पर हम एक के बाद एक विस्तार से बात करेंगे. एबीपी लाइव हिंदी मिथ और फैक्ट्स सीरीज में हम इस टॉपिक पर बात करेंगे कि पीरियड्स के दौरान फूल-पेड़ पौधा छूने से मुरझाने लगते हैं? आज हम इस टॉपिक पर विस्तार से बात करेंगे. एबीपी लाइव हिंदी ने 'मिथ vs फैक्ट्स' को लेकर एक सीरिज शुरू किया है. इस सीरिज के जरिए प्रेग्नेंसी को लेकर समाज में जितने भी मिथ है. जिसे लोग सच समझकर फॉलो करते हैं हम उनका लॉजिकल तरीके से जवाब देने की कोशिश करेंगे.


पौधे छूने पर मर जाते हैं 


घर के बड़े-बुजुर्ग अक्सर यह कहते हैं कि पीरियड्स के दौरान पौधे छूने को मना किया जाता है क्योंकि यह मुर्झा जाते हैं. लेकिन साइंस के हिसाब के मुताबिक पौधे के मुर्झाने से पीरियड्स का कोई संबंध नहीं है. क्योंकि इसमें पौधों की सही तरीके से देखभाल की जरूरत है. 


पौधों को मुरझाने के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि पानी की कमी और पोषक तत्वों की कमी के कारण पौधा मुरझा सकता है. पौधों को अगर मुरझाने से बचाना है तो उसकी जड़ों त्तियों और फलों की जांच की जरूरत होती है. पौधे भेदभाव नहीं करते. वे भी हम सभी की तरह अच्छी देखभाल से पनपते हैं, चाहे वह किसी से भी आया हो.


इस वजह से पौधा मुरझाने लगता है


पौधों में फोटोपीरियोडिज्म होता है, जो कि प्रकाश और अंधेरे अवधि की सापेक्ष लंबाई पर उनकी प्रतिक्रिया को दर्शाता है. पौधों को उनके फोटोपीरियोड के आधार पर तीन समूहों में वर्गीकृत किया जाता है. छोटे दिन वाले पौधे, लंबे दिन वाले पौधे और दिन-तटस्थ पौधे. कई पौधों को फूलने के लिए एक महत्वपूर्ण फोटोपीरियोड सीमा तक पहुँचने की आवश्यकता होती है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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