कहीं नाइट शिफ्ट की वजह से तो नहीं बढ़ रहा है आपका मोटापा? जानिए इन दोनों के बीच का संबंध
अगर आप भी नाइट शिफ्ट में काम करते हैं तो आपको सेहत से जुड़ी इन गंभीर समस्याओं का समना करना पड़ सकता है. इससे ना सिर्फ नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है, बल्कि दिल से जुड़े कई रोग हो सकते हैं.
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Night Shift Leads Obestity : कई पेशों में चौबीसों घंटे काम करने की मांग होती है, जिससे न केवल नींद का समय बाधित होता है, बल्कि यह खाने की आदतों और समय को भी प्रभावित करता है, और अक्सर अस्वास्थ्यकर मिडनाइट स्नैकिंग की ओर जाता है जो स्वास्थ्य पर खराब प्रभाव डाल सकता है. रात की शिफ्ट शरीर की प्राकृतिक सर्कडियन रिदम को परेशान कर सकती है, जिससे नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है. यह हृदय रोग, मोटापा, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग (एसिडिटी, दस्त, कब्ज), नींद की समस्या और मधुमेह के विकास के जोखिम को भी बढ़ाता है.देर रात तक काम करने और उचित नींद की कमी मानसिक स्वास्थ्य को और अधिक प्रभावित कर सकती है, जिससे अवसाद, चिंता, क्रोध, और चिड़चिड़ापन हो सकता है.
नाइट शिफ्ट से क्यों पड़ता है सेहत पर असर
नाइट शिफ्ट में काम आपके स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालती है क्यों कि दिमाग को रात में सोने के लिए प्रोग्राम किया गया है. चूंकि सोने का समय डिस्टर्ब होता है या पूरी तरह से बदल जाता है जिसके चलते शरीर और दिमाग का तालमेल नहीं बैठ पाता. शरीर पूरी तरह से हर वक्त थका हुआ महसूस करता है.इस वजह से अनियमित दिल की धड़कन और यहां तक दिल के दौरे का कारण बन सकती है क्यों कि तनाव बढने के कारण लोगों के दिल की बीमारियों और दिल के दौरे की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है.
एक्सपर्ट के मुताबित रात में जागने के चलते हार्मोन उत्पादन में असंतुलन भी पैदा कर सकता है. इसके अलावा रात में ग्लूकोज और शुगर को संसाधित करने की शरीर की क्षमता मंद हो जाती है, जिससे मधुमेह और हृदय रोग होने का खतरा बढ़ जाता है. इस तरह की बीमारियों को दूर रखने में मदद करने के लिए, एक्सपर्ट ने देर रात तक काम करते हुए अच्छे स्वास्थ्य और पोषण को बनाए रखने के लिए कुछ सुझाव दिए.
नाइट शिफ्ट वाले लोग ऐसे रखें सेहत का ख्याल
- चूंकि रात में शरीर का मेटाबॉलिज्म और पाचन धीमा होता है, इसलिए सोने से पहले हल्का भोजन करें.
- सुबह के समय कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा युक्त संतुलित भोजन करें.
- अपने वजन को नियंत्रण में रखने के लिए हर 4 घंटे में कुछ खाएं (बीच में कुछ भी न खाएं) और कम मात्रा में भोजन करने की कोशिश करें ताकि आप अधिक सतर्क रहें
- तले हुए भोजन के बजाय अपने ब्रेक के दौरान स्वस्थ स्नैक्स जैसे फल, मेवे, भुने हुए चने, खाखरे को अपने पास रखें.
- कैफीन युक्त और मीठे पेय पदार्थों के बजाय, हाइड्रेशन के लिए पानी लें क्योंकि कैफीन नींद के चक्र को बाधित कर सकता है.
- सलाद और सब्जियों का सेवन करें. ब्राउन राइस, गेहूं की ब्रेड, और पनीर, सोया नगेट्स, और हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे प्रोटीन युक्त भोजन शामिल करें.
- वसा युक्त और फाइबर की कमी वाले खाद्य पदार्थ जैसे पिज्जा, बर्गर, पाव भाजी, सफेद ब्रेड, इडली, डोसा, मिठाई आदि से दूर रहें.
आयुर्वेद के अनुसार रात को जागने से शरीर में रूखापन बढ़ जाता है. इसलिए जब आप काम के लिए निकलें तो एक चम्मच घी का सेवन करें, यह शरीर में किसी भी तरह की खुश्की को संतुलित करेगा.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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