Ischemic Heart Disease: क्या है इस्केमिक हार्ट रोग जिससे बढ़ सकता है दिल के दौरे का खतरा, जानिए कैसे करें इलाज और बचाव
इस्केमिक हार्ट रोग, जिसे कोरोनरी धमनी रोग भी कहा जाता है ये एक ऐसी स्थिति है जो दिल को रक्त की आपूर्ति को प्रभावित करती है. धमनियों में प्लाक जमा हो जाता है.जानिए इसके बारे में सबकुछ
Ischemic Heart Disease: कोरोना के बाद से दिल की बीमारी का खतरा लगातार बढ़ रहा है. सबसे ज्यादा इसकी चपेट में युवा आ रहे हैं. पहले के वक्त में अक्सर दिल की बीमारी का खतरा उमर दराज लोगों को होती थी लेकिन आज के दौर में गलत खानपान और खराब जीवनशैली की वजह से ये नौजवानों को टारगेट कर रहा है,दरअसल जब खानपान में असंतुलन होता है तो ब्लड प्रेशर असंतुलित होता है, कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और आप दिल से जुड़ी बीमारी के शिकार हो जाते हैं. दिल की बीमारी एक गंभीर बीमारी है, इन्हीं में से एक है इस्केमिक हार्ट रोग, जिसे कोरोनरी धमनी रोग भी कहा जाता है ये एक ऐसी स्थिति है जो दिल को रक्त की आपूर्ति को प्रभावित करती है. रक्त वाहिकाओं को उनकी दीवार पर कॉलेजट्रॉल के जमाव के कारण संकुचित कर दिया जाता है.इससे हृदय की मांसपेशियों में ऑक्सीजन और पोषक तत्व की आपूर्ति कम हो जाती है जो दिल की सही ढंग से काम करने के लिए जरूरी है और अंत में इसका परिणाम दिल का दौरा पड़ना होता है.
इस्केमिक हार्ट रोग के कारण
आमतौर पर ये बीमारी असंतुलित खानपान और खराब जीवनशैली की वजह से होता है लेकिन कुछ लोगों में यह समस्या कई अन्य कारण की वजह से हो सकती है, जैसे स्मोकिंग करने वाले लोगों को इस बीमारी का खतरा ज्यादा बना रहता है. इसमें धमनियों में कोलेस्ट्रॉल और फैट जमा हो जाता है. धमनियों में प्लाक जमा होने से दिल समेत शरीर के अलग-अलग अंगों में खून की सप्लाई सही ढंग से नहीं हो पाती है, इसी वजह से कई गंभीर समस्याएं होती है.कई शोध और अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस्केमिक हार्ट डिजीज नींद से जुड़ी समस्याओं के कारण भी हो सकती है. खराब नींद और नींद की कमी की वजह से इस समस्या का खतरा बना रहता है.
- हाइपर टेंशन या हाई ब्लड प्रेशर
- असंतुलित डाइट और खराब जीवनशैली
- धूम्रपान करने की वजह से
- शराब और नशीली दवाओं का सेवन
- खराब नींद के कारण
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- मोटापे की समस्या
इस्केमिक हार्ट रोग के लक्षण
हार्ट डिजीज की समस्या में शुरू-शुरू में कुछ भी लक्षण दिखाई नहीं देते, लेकिन जैसे-जैसे ये अंदरूनी तौर पर समस्या बढ़ती है, इसके लक्षण दिखाई देने शुरू हो जाती हैं. शुरुआत में आपको सीने में दर्द लगातार खांसी और सांस से जुड़ी समस्याएं होती है. इसके बाद जैसे जैसे आपकी समस्या बढ़ती है इसके लक्षण भी गंभीर होने लगते हैं.
- सीने में गंभीर दर्द
- थकान और हाथ पैर में जकड़न
- चक्कर आना और बेहोशी
- उल्टी की समस्या
- हाथ सुन्न हो जाना
- बोलने में दिक्कत
- कमजोरी
इस्केमिक हार्ट रोग से कैसे करें बचाव
- जो लोग मोटापे से ग्रस्त हैं उनके लिए स्वास्थ्य बीएमआई लेवल बनाए रखने के साथ-साथ वजन कम करने की आवश्यकता होती है.
- नियमित शारीरिक व्यायाम करना और धूम्रपान जैसी आदतों को छोड़ना पड़ता है.
- आपको एक स्वस्थ जीवन शैली पर आधारित होना पड़ेगा, इसका पालन करने से ही हृदय की समस्याओं को कम किया जा सकता है.
- कम वसा वाले और फलों सब्जियों और साबुत आनाज से भरपूर आहार का पालन करना जरूरी है.
इस्केमिक हार्ट रोग का इलाज
इस्केमिक हार्ट डिजीज के इलाज के लिए सबसे पहले आप की जांच की जाती है. जांच के बाद बीमारी की गंभीरता और उसके लक्षणों के आधार पर डॉक्टर इलाज करते हैं .शरीर में हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए दवाई दी जाती है. अगर स्थिति जरूरत से ज्यादा गंभीर हो जाती है तो आपको इन सारी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ सकता है
कोरोनरी स्टेंट
बायपास सर्जरी
एंजियोप्लास्टी
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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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