हर कपल का एक सपना होता है उनके घर में बच्चों की किलकारियां गुंजे. लेकिन कई बार मानसिक और शारीरिक समस्याओं के कारण कई कपल इस सुख से वंचित रह जाते हैं. ऐसी परिस्थिति में कपल्स अक्सर इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ)  का सहारा लेता है.


IVF के कारण कई बांझ लाखों कपल्स को अपने बच्चे मिल पाए हैं. आए दिन इस तकनीक पर बदलाव हो रहे हैं. अब आप जन्म से पहले यह भी पता कर सकते हैं कि कहीं बच्चे को जेनेटिक कोई बीमारी तो नहीं है. इससे बचने के लिए आप जेनेटिक टेस्ट भी करवा सकते हैं. यह टेस्टिंग आइवीएफ में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. साथ ही यह भी बता देता है भविष्य में बच्चे को कौन सी बीमारी हो सकती है और कौन सी नहीं. 


जेनेटिक बीमारी में क्या होती है?


जेनेटिक बीनारी किसी व्यक्ति के डीएनए में अबनॉर्मल सी दिखने वाली बीमारियां हैं. यह बीमारियां सिंगल जीन म्यूटेशन से लेकर क्रोमोसोम्स की जटिलता तक हो सकती हैं. नॉर्मल जेनेटिक्स डिसऑर्डर जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस, हंटिंगटन रोग, और सिकल सेल एनीमिया से जुड़ी बीमारी हो सकती है. इस बीमारी में ऑटोसोमल डोमिनेंट डिसऑर्डर, ऑटोसोमल रिसेसिव डिसऑर्डर और एक्स-लिंक्ड डिसऑर्डर भी हो सकते हैं. 


जेनेटिक डिसऑर्डर से IVF 


जेनेटिक डिसऑर्डर आपके IVF को भी प्रभावित कर सकती है. जिन कपल्स को यह बीमारी होने की संभावना होती है. उन्हें आईवीएफ के जरिए बच्चा पैदा करके इसे बीमारी से बचाई जा सकती है. 


जेनेटिक काउंसलिंग


जेनेटिक डिसऑर्डर एक गंभीर बीमारी है. जब कोई कपल्स IVF से गुजरता है तो उन कपल्स को जेनेटिक काउंसलिंग की जाती है. इसमें बच्चे को जेनेटिक तौर पर होने वाली बीमारियों के बारे में अवगत कराया जाता है. इससे जुड़ी पूरी जानकारी बच्चे के माता-पिता को दिया जाता है. ताकि वह प्रेग्नेंसी के आगे करना चाहते हैं या नहीं इस फैसले में मदद होगी. 


कैरियर स्क्रिनिंग 


IVF के प्रोसेस से शुरू करने से पहले कपल्स को कैरियर स्क्रनिंग की जाती है ताकि कपल को कौन-कौन सी बीमारी है उसकी कैरियर स्क्रिनिंग करवानी चाहिए. माता-पिता दोनों को कैरियर होना चाहिए.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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