किसी भी औरत के लिए मां बनना एक सुखद एहसास होता है. लेकिन कुछ औरतें ऐसी है जो इस सुख को प्राप्त नहीं कर पाती हैं.  आजकल उन औरतों में आशा की किरण की जगाती है IVF. अब सवाल यह उठता है कि आईवीएफ क्या है? दरअसल इसे In vitro fertilization (IVF) के नाम से जाना जाता है. इसके लिए जरिए औरतें गर्भधारण करती हैं. ऐसी औरतें जिनका फैलोपियन ट्यूब्स पूरी तरह से ब्लॉक है तो वह IVF के जरिए मां बन सकती हैं. 


कब एक पुरुष या महिला को IVF की जरूरत पड़ती है?


किसी महिला का फैलोपियन ट्यूब्स पूरी तरह से ब्लॉक है तो IVF की जरूरत पड़ती है. इसके अलावा अगर किसी पुरुष के  शुक्राणुओं की कमी है तो भी IVF की जरूरत पड़ती है. आजकल महिलाओं में PCOD की समस्या ज्यादा हो रही है ऐसे में उन्हें ओव्यूलेयशन में समस्या होती है. जिसकी वजह से एंडोमेट्रियोसिस या अन्य फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के फेल हो जाते हैं. जिसके बाद डॉक्टर IVF की सलाह देते हैं. कई बार बार ऐसा होता है पुरुष और महिला दोनों के सारे टेस्ट ठीक आए हैं लेकिन महिला बच्चा कंसीव नहीं कर पाती हैं. ऐसे में डॉक्टर IVF की सलाह देते हैं. 


कभी-कभी IVF भी हो जाता है फेल


60 से 70 प्रतिशत ऐसे केसेस हैं जिसमें कपल्स पहली बार में ही आईवीएफ के जरिए कंसीव कर लेते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी मामले हैं जिसमें यह पूरा प्रोसेस 2-3 बार करना पड़ता है.  


IVF की पूरी प्रक्रिया कुछ ऐसी होती है


 IVF को इन विट्रो फर्टिलाइजेशन कहा जाता है. इसे पहले टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम से भी जाना जाता था. अगर इसे आसान भाषा में समझे तो इसमें महिला के अंडों को पुरुष के शुक्राणुओं के साथ मिलाया जाता है. जब दोनों के फ्यूजन से भ्रूण बन जाता है तो उसे वापस महिला के गर्भ में डाल दिया जाता है. इस पूरी प्रकिया में वक्त और पैसा दोनों काफी खर्च हो सकता है लेकिन उन लोगों के लिए एक वरदान की तरह है जो अपने बच्चे के लिए तरस रहे हैं. 


ओवेरियन स्टिमुलेशन


हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक इस पूरी प्रकिया की सबसे अच्छी बात यह है कि यह दर्द रहित होता है. इसमें किसी भी औरत को कोई दर्द नहीं होता है. साथ ही इस पूरी प्रकिया के कई चरण हैं जैसे- पहले स्टेप होता है ओवेरियन स्टिमुलेशन जिसमें एक महिला की ओवरी से एग निकाला जाता है. यह एग निकालने की प्रक्रिया महिला के ओव्यूलेशनन प्रक्रिया के ठीक 34 से 36 घंटों बाद की जाती है. औरत से अंडे निकालने का काम सुई के जरिए की जाती है. इसमें कोई दर्द या ऑपरेशन का सहारा नहीं लिया जाता है.  एग प्रक्रिया 3-5 दिन के बाद कि जाती है. 3-5 दिन के बाद महिला के गर्भ में भ्रूण को रखा जाता है. यह पूरी प्रक्रिया दर्द रहित होती है. हालांकि शरीर में थोड़ा सा दर्द या भारीपन लग सकता है. इसके आप आप आराम से नॉर्मल लाइफ जी सकते हैं. 


इंडिया में IVF का खर्च 1 लाख से 2, 50,000 लाख के बीच का है. कपल्स के हेल्थ कंडीशन देखते हुए यह खर्च बढ़ भी सकता है और घट भी सकता है. कपल्स के हेल्थ कंडीशन के हिसाब से उन्हें मेडिकल ट्रीटमेंट दी जाती है. अलग-अलग हॉस्पिटल आपको अलग-अलग फर्टिलिटी Treatment का पैकेज बताती है. जिसमें सभी तरह के फीस शामिल होते हैं. साथ में डॉक्टर का फीस भी शामिल होता है. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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