इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के प्रोसेस के दौरान लैब में महिला के एग को पुरुष के शुक्राणु के साथ मिलाया जाता है. इस प्रक्रिया के दौरान, अंडों को अंडाशय से निकाला जाता है और उन्हें शुक्राणु और पोषक तत्वों के साथ एक डिश में रखा जाता है. औसतन, 70% परिपक्व अंडे डिश में शुक्राणु के साथ मिलाया जाता है.


हालांकि, मिक्स-अप हो सकते हैं. उदाहरण के लिए साल 2012 में सिंगापुर की एक मां ने एक क्लिनिक पर मुकदमा दायर किया था, क्योंकि उसने कथित तौर पर उसके पति के शुक्राणु को किसी अन्य व्यक्ति के शुक्राणु के साथ मिला दिया था. तो यह बिल्कुल मुमकिन है कि IVF में स्पर्म या एग मिक्सिंग हो सकते हैं. 


IVF में लगभग 65% से 80% अंडे निषेचित होते हैं. कुछ मामलों में, जैसे कि पुरुष कारक बांझपन, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता निषेचन की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए इंट्रासाइटोप्लाज़मिक स्पर्म इंजेक्शन (ICSI) नामक प्रक्रिया में सीधे अंडे में शुक्राणु इंजेक्ट किया जाता है. 


इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के दौरान अंडे और शुक्राणु से कई अलग-अलग भ्रूण तैयार किए जाते हैं. फिर भ्रूणविज्ञानी चुनते हैं कि कौन सा भ्रूण सफल गर्भावस्था की ओर ले जाने की सबसे अधिक संभावना है और इसे रोगी को हस्तांतरित करते हैं.


गलत लाफस्टाइल और खानपान के कारण महिलाओं के शरीर में कई तरह की समस्याएं होती हैं. उन्हीं में से एक है प्रग्नेंसी से जुड़ी समस्याएं. जब महिलाएं कंसीव करने में असमर्थ होती हैं. इन समस्याओं के समाधान के लिए आईवीएफ यानि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन का इस्तेमाल किया जाता है. 


क्या होता है IVF?


इन विट्रो फर्टिलाइजेशन को IVF कहा जाता है. पहले इसे टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम से जाना जाता था. बता दें कि इस प्रक्रिया का प्रयोग सबसे पहले इंग्लैंड में 1978 में किया गया था. इस ट्रीटमेंट में महिला के अंडों और पुरूष के शुक्राणुओं को मिलाया जाता है. जब इसके संयोजन से भ्रूण बन जाता है, तब उसे वापस महिला के गर्भ में रख दिया जाता है. कहने को यह प्रक्रिया काफी जटिल और महंगी है, लेकिन यह प्रक्रिया उन लोगों के लिए वरदान है, जो कई सालों से गर्भधारण की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सफल नहीं हो पा रहे हैं.


आईवीएफ इंजेक्शन के साइड इफेक्‍ट्स क्या हैं


1. पेट खराब होना या पेट में दर्द होना, कब्ज या पेट फूलने की समस्या
2. रात में बेचैनी महसूस हो सकती है
3. बार-बार मूड बदलना, चिड़चिड़ापन और चक्‍कर आना
4. सूजन या मतली की समस्या
5. स‍िर में तेज दर्द होना
6. ब्रेस्‍ट को छूने पर दर्द
7. गर्मी लगना
8. आंखों से धुंधला दिखना
9. वजन का बढ़ जाना


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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