राजस्थानः प्रसव पीड़ा को कम करने के लिए हॉस्पिटल में गूंज रहा है गायत्री मंत्र, उठे सवाल
सवाई माधोपुर के चीफ मेडिकल और हेल्थ ऑफिसर (सीएमएचओ) ने बताया कि जिला अस्पताल में इस मंत्र को बजाया जा रहा है. जल्द ही इसे कई हॉस्पटलों में बजाया जाएगा.
जयपुरः राजस्थान के एक सरकारी अस्पताल में प्रसव कक्ष में बजाए जा रहे गायत्री मंत्र को लेकर सवाल खड़ा हो गया है. एक मुस्लिम कार्यकर्ता ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग से की है, जिसके बाद इस संबंध में कार्रवाई करने की बात कही गई है. हालांकि, डॉक्टरों का तर्क है कि गायत्री मंत्र से महिलाओं को दर्द में राहत मिलती है.
सवाई माधोपुर के चीफ मेडिकल और हेल्थ ऑफिसर (सीएमएचओ) के मुताबिक, ''जिला अस्पताल में इस मंत्र को बजाया जा रहा है. जल्द ही इसका विस्तार किया जाएगा और जिले के कई अन्य हॉस्पिटलों में बजाया जाएगा. प्रसव पीड़ा के दौरान इसे सुनने से दर्द में राहत मिलती है.''
सिरोही जिले के प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर डॉ. रतना ग्रोवर ने कहा, ''हम लोग पिछले कई साल से लेबर रूम में भजन और गायत्री मंत्र बजा रहे हैं. भजन और गायत्री मंत्र के कारण महिलाओं को दर्द से राहत मिलती है.''
स्वास्थ्य विभाग के स्पेशल सेक्रेटरी समित शर्मा के मुताबिक राज्य सरकार की ओर से किसी भी तरह का कोई आदेश नहीं जारी किया है. हां इस तरह के सलाह जरूर दिए गए हैं कि ध्यान करने वाले म्यूजिक के प्रयोग किए जाएं. अगर कोई हॉस्पिटल ऐसा कर रहा है तो सरकार इस मामले पर संज्ञान लेगी.
सामित शर्मा के मुताबकि, ''हमारा धर्मनिरपेक्ष देश है. इस तरह की कोई भी चीज बर्दाशत नहीं की जा सकती. मंत्रालय या विभाग ने इस तरह के कोई भी आदेश जारी नहीं किए हैं. हमलोंगों ने अपना ऑडियो म्यूजिक भेजा है. हो सकता है कुछ हॉस्पिटल नहीं बजा रहे होंगे. राज्य सरकार ऐसे हॉस्पिटलों को चिन्हित करेगी जहां गायत्री मंत्र बजाए जा रहे हैं.''
लेबर रूम में गायत्री मंत्र बजने के कारण मुस्लिम एक्टिविस्ट ने प्रदर्शन किया. उन्होंने बताया, ''इस्लाम के मुताबिक नवजात के कान में सबसे पहले नमाज की आवाज जानी चाहिए. हालांकि अभी तक स्वास्थ्य मंत्री का बयान नहीं आया है.
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