Jamun During Pregnancy: भारत के कई हिस्सों में हमारे बड़े बुजुर्ग गर्भवती महिलाओं को जामुन खाने की सलाह नहीं देते हैं. किसी का कहना है कि बच्चे का रंग इससे काला हो जाता है तो बहुत से लोग कहते हैं कि इसके सेवन बच्चे का होठ काला हो जाता है. बेचारी गर्भवती महिला असमंजस में हो जाती है कि वह करे भी तो क्या करें. गर्भ धारण के दौरान कोई कुछ खाने से रोकता है तो कोई कुछ करने से. तो आप घबराए नहीं आज हम आपको बताएंगे कि आप इसका सेवन कर सकती हैं कि नहीं और इस जामुन के क्या क्या फायदे हैं.
दरअसल जामुन में प्रचूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है. वहीं , इसमें कई पोषक तत्व भी पाए जाते हैं. जो भ्रूण को सुरक्षा प्रदान करता है और उसके विकास में अहम भूमिका निभाता है. वैसे महिला जब गर्भ धारण की हुई हो उस दौरान जामुन खाने से बच्च भी काला हो जाता है इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.
वहीं जामुन में तो और कैल्शियम, विटामिन सी, आयरन और पोटेशियम पाया जाता है. यह सभी हमारे बॉडी की हड्डियों को मजबूत बनाता है और इम्यूनिटी को भी बूस्ट करता है. वहीं जामुन में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट शरीर में होने वाले संक्रमण और बीमािरयों से हमें बचाता है. इसके सेवन से आरबीसी की संख्या भी बढ़ती है.जिसके कारण एनीमिया जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है.
प्रेगनेंसी में जामुन सेवन करन के लाभ
-इसमें मैग्नीशियम होता है जो प्रीमैच्योर डिलीवरी के खतरे को कम कर भ्रूण का विकास करता है.
-इसमें विटामिन ए होता है जो भ्रूण की आंखों के लिए अच्छा होता है.
-गर्भवती महिला को एनीमिया से बचाता है.
-गर्भवती महिला के आरबीसी को बढ़ाता है.
-हाई ब्लड प्रेशर को करता है कम.
कितना करें सेवन
गर्भवती महिला जामुन का 8 से 10 तक सेवन कर सकती हैं. रोज इतनी मात्रा में सेवन से शिशु को लाभ मिलेगा.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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