जाह्नवी कपूर को लगा था वो पैरालाइज्ड हो गईं, जानें कौन सी बीमारी में दिखते हैं ऐसे लक्षण
जाह्नवी कपूर ने हाल ही में दिए इंटरव्यू में हॉस्पिटल में एडमिट होने का अनुभव बताया. उन्होंने कहा कि मुझे एक पल के लिए लगा कि मैं पैरालाइज्ड हो गईं.
बॉलीवुड एक्ट्रेस जान्हवी कपूर को कुछ दिन पहले गंभीर फ़ूड पॉइज़निंग के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक उन्हें गुरुवार को साउथ मुंबई के एचएन रिलायंस अस्पताल में भर्ती कराया गया था और अब उन्हें छुट्टी दे दी गई है. उनके पिता बोनी कपूर ने पुष्टि की कि वह अब पहले से बहुत बेहतर हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जाह्वनी की फिल्म 'उलझ' रिलीज़ के लिए तैयार है. इन दिनों जाह्नवी अपनी आने वाली फिल्म की प्रमोशन कर रही है उसी दौरान "टाइम्स नाउ' को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि यह पहला था जब मुझे अपनी हेल्थ प्रॉब्लम के कारण हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ा था. क्योंकि वह काफी दिनों से अजीब सा महसूस कर रही थीं.
जाह्नवी ने हॉस्पिटल में एडमिट होने को लेकर बात की
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जान्हवी मंगलवार को चेन्नई से मुंबई लौटी थीं. बुधवार को उन्हें अस्वस्थ महसूस हुआ. इसलिए वे घर पर रहीं और अपने अपॉइंटमेंट को फिर से शेड्यूल किया. जान्हवी ने एक न्यूज पोर्टल से बात करते हुए कहती हैं कि मैं आधे दिन के लिए चेन्नई गई थी और मुझे लगता है कि मैंने एयरपोर्ट पर ही कुछ अजीब खाया. मुझे नहीं पता कि क्या, क्योंकि शुरू में मुझे लगा कि मेरे पेट में कीड़ा हो गया है इसलिए पेट दर्द हो रहा है. लेकिन ऐसा नहीं था क्योंकि जब उन्होंने ये सभी टेस्ट किए. तो मेरे रक्त के पैरामीटर्स में गड़बड़ी थी. मेरे पेट के ठीक होने के बाद मुझे बस शरीर में दर्द, कमज़ोरी, कंपकंपी और कंपन महसूस हो रही थी.
जाह्नवी बताती हैं कि हॉस्टिपल में एडमिट होने का अनुभव काफी ज्यादा डरावना था. कई सार टेस्ट हुए जिसमें पता चला कि लिवर में एंजाइम काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. एक्ट्रेस कहती हैं कि एक वक्त ऐसा भी आया जब मैं खुद को पैरालाइज्ड और विकलांग महसूस कर करती थी. आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि मैं खुद से उठकर बाथरूम भी नहीं जा सकती थी. न मैं बोल पा रही थी और न ठीक से उठ बैठ कर रही थी. ऐसी स्थिति में मुझे लगा कि मेरे शरीर को आराम की जरूरत है जो मुझे हॉस्पिटल में एडमिट होने के बाद मिला.
पैरालाइज्ड के लक्षण और कारण
सांस लेने, निगलने या बोलने में दिक्कत होना लकवा के कारण हो सकते हैं. अंगों में सुन्नपन या झुनझुनी महसूस होना. मांसपेशियों की कमजोरी जो बनी रहती है या आती-जाती रहती है. मांसपेशियों को अचानक हिलाने में असमर्थता. जैसे की पोलियो , सेरिब्रल पाल्सी , गुल्लिअन बारे सिंड्रोम या कुछ प्रकार के मस्कुलर डिस्ट्रोफिक सिंड्रोम. स्ट्रोक (stroke) जब ब्रेन के किसी हिस्से में ब्लड सप्लाई कुछ समय के लिए नहीं पहुंच पाता हो वह उस ब्रेन के हिस्से को नुक्सान पंहुचा सकता है जिसके कारण लकवा हो सकता है. भारत में लकवा का सबसे आम कारण स्ट्रोक है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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